फोटोनवगीत के प्रवर्तक राजेंद्र प्रसाद सिंह की मनायी गयी जयंतीसाहित्यकारों ने कहा, स्तरीय लेखन ने बनायी थी कविवर की पहचानवरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर : राजेंद्र प्रसाद सिंह न केवल नवगीत के प्रवर्तक थे, बल्कि उन्होंने साहित्य के साथ संगीत की संस्कृति और उसकी सामाजिक भाषा पर भी बड़ा काम किया था. इतिहास में कविवर की रचना शाश्वत व समय से बहुत आगे ले जाने वाली है. उक्त बातें डॉ संजय पंकज ने रविवार को कविवर राजेंद्र प्रसाद सिंह की जयंती पर कही. वे हिंदी साहित्य सम्मेलन की ओर से नवयुवक समिति ट्रस्ट में आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे. कार्यक्रम की शुरुआत डॉ विजय शंकर मिश्र ने कविवर स्व. सिंह की कविता सदी सदी मिटी मगर, मिटी नहीं मनुष्यता कविता का सस्वर पाठ भी किया. आचार्य चंद्र किशोर पराशर ने कविवर पर केंद्रित आलोचनात्मक कृति के प्रकाशन की बात कही. गणेश प्रसाद सिंह ने कहा कि कवि की कविता में कई संभावनाएं एक साथ दिखाई पड़ती है. कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डॉ शिवदास पांडेय ने कहा कि कविवर अपने जीवन काल में स्तरीय लेखन के कारण ईर्ष्या के विषय बने रहे. मौके पर डॉ शारदाचरण, चितरंजन सिन्हा कनक, नागेंद्र नाथ ओझा, रणवीर अभिमन्यु , विष्णुकांत झा, रामउचित पासवान व पंुज प्रकाश झा ने विचार रखे.
BREAKING NEWS
Advertisement
समय से बहुत आगे ले जाती है राजेंद्र की रचना
फोटोनवगीत के प्रवर्तक राजेंद्र प्रसाद सिंह की मनायी गयी जयंतीसाहित्यकारों ने कहा, स्तरीय लेखन ने बनायी थी कविवर की पहचानवरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर : राजेंद्र प्रसाद सिंह न केवल नवगीत के प्रवर्तक थे, बल्कि उन्होंने साहित्य के साथ संगीत की संस्कृति और उसकी सामाजिक भाषा पर भी बड़ा काम किया था. इतिहास में कविवर की रचना […]
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement