टीम बिहार में ऐसे आठ छात्रों की तलाश कर रही है, जिसने दूसरे के नाम पर परीक्षा दी थी. सूत्रों की माने तो इनमें से एक ने मुजफ्फरपुर मेडिकल कॉलेज में भी एडमिशन लिया था. माना जा रहा है कि सीडी जांच के बाद घोटाले से जुड़े कई राज खुल सकते हैं. एसटीएफ के बेतिया पहुंचने के बाद मुजफ्फरपुर मेडिकल कॉलेज में भी खलबली मची हुई है. हर व्यक्ति यह जानने को उत्सुक है कि वह छात्र कौन है, जिसकी व्यापमं घोटाले में संलिप्तता थी. हालांकि इस बाबत कोई भी मुंह खोलने को तैयार नहीं है. मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ डीके सिंहा ने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है.
उन्हें तो यह भी नहीं पता कि यह घोटाला क्या है. मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ विकास कुमार ने कहा कि एसटीएफ टीम कब आयेगी, इसकी जानकारी नही है. लेकिन उन्होंने तैयारी कर रखी है. वे टीम को पिछले पांच सालों के नामांकन का रिकॉर्ड देंगे. टीम की जांच में वे हर संभव मदद करेंगे. जानकारी हो कि मध्य प्रदेश में मेडिकल-इंजीनियरिंग संस्थानों में प्रवेश परीक्षा के नाम पर फर्जीवाड़ा किया गया था. दूसरे के नाम पर छात्रों ने प्रवेश परीक्षा दी थी, फिर नामांकन करा लिया था.