उप मुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुरसूबे के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ जगन्नाथ मिश्रा ने पंचायत राज को सशक्त बनाने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा है कि अब तक की सरकारें पंचायती राज को सफल बनाने में कामयाब नहीं हुई है. पंचायती राज को नजर अंदाज किया गया है. जबकि पंचायती राज संस्थाएं राष्ट्रीय विकास की महत्वपूर्ण कड़ी है. लेकिन बिहार सरकार ने इसे महज स्थानीय स्तर पर सेवाएं अर्पित करने का एक साधन माना है. सरकार ने 73वें संविधान संशोधन स्थुल रूप में ही लागू किया है. मूल रूप की उपेक्षा कर दी गई है. सरकार ने पंचायत कानून में ऐसे प्रावधान किये है कि इसका स्वरूप सरकार की एजेंसी जैसी हो गई है. प्रेस बयान जारी कर डॉक्टर मिश्रा ने कहा है कि पंचायती राज व्यवस्था में तब तक सुधार नहीं होगा जब तक अधिकारी वर्ग में संस्था में सहभागिता जगाने की भावना नहीं जगेगी. पंचायती राज व्यवस्था को सफल बनाने के लिए वित्तीय स्वतंत्रता के साथ अपने नि र्णय लेने का अधिकार भी होना चाहिए. पंचायती राज पर जब तक नौकरशाही हावी रहेगी तब तक इस तंत्र का विकास होना संभव नहीं है. उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी व नरसिम्हा राव के पंचायती राज व्यवस्था के बारे में लिये गये निर्णय का जिक्र करते हुए कहा है कि उनकी सोच और उद्देश्य तभी संभव होगा जब प्रशासन का सबसे नीचे का स्तर ग्राम पंचायत को अधिकार व स्वतंत्रता मिलेगी.
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बिहार में सफल नहीं हुआ पंचायती राज
उप मुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुरसूबे के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ जगन्नाथ मिश्रा ने पंचायत राज को सशक्त बनाने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा है कि अब तक की सरकारें पंचायती राज को सफल बनाने में कामयाब नहीं हुई है. पंचायती राज को नजर अंदाज किया गया है. जबकि पंचायती राज संस्थाएं राष्ट्रीय विकास की महत्वपूर्ण […]
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