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सूखे के आसार, आकस्मिक खेती का बना प्लान
मुजफ्फरपुर: कृषि सूखे की ओर काफी तेजी से बढ़ रही है. यहां मॉनसून पहुंचा, लेकिन बेहद कमजोर स्थिति में है. ऐसे में किसानों की विवशता काफी बढ़ रही है. अब धान की खेती के साथ आकस्मिक फसल लगाने का प्लान बताया जा रहा है. मौसम विभाग व कृषि विभाग ने स्पष्ट तौर पर कह दिया […]
मुजफ्फरपुर: कृषि सूखे की ओर काफी तेजी से बढ़ रही है. यहां मॉनसून पहुंचा, लेकिन बेहद कमजोर स्थिति में है. ऐसे में किसानों की विवशता काफी बढ़ रही है. अब धान की खेती के साथ आकस्मिक फसल लगाने का प्लान बताया जा रहा है. मौसम विभाग व कृषि विभाग ने स्पष्ट तौर पर कह दिया है कि यहां सामान्य से काफी कम वर्षा होगी. करीब 20 से 35 फीसदी कम बारिश होगी. ऐसे में किसानों को धान के बदले दूसरी फसल लगाने की जरू रत है. किसान अगर धान भी लगाएं तो काफी कम समय में होने वाले धान की बोआई करें. इससे उन्हें आर्थिक रू प से नुकसान कम होगा.
संयुक्त कृषि निदेशक (सांख्यिकी) अरुण कुमार ने सभी जिले के कृषि अधिकारियों को आकस्मिक फसल योजना का प्लान बना कर भेजा है. विभाग का कहना है कि खरीफ 2015 में सामान्य से कम वर्षापात का अनुमान है. ऐसे में किसान अल्पकालीन धान, मक्का, ज्वार, बाजरा, मड़ुआ, कुलथी, तोरिया, सूर्यमुखी, भिंडी, लोबिया, शकरकंद, मिश्रीकंद, मूली, चौलाई, मटर व सरसों की फसल लगाने की योजना बना सकते हैं.
विभाग ने डीएओ को आदेश दिया है कि जिले में आकस्मिक फसल योजना अंतर्गत आने वाले क्षेत्र का आकलन करें. क्षेत्र विशेष के लिए श्रेणीवार (प्रमाणित, सत्यापित, संकर, हाइ क्वालिटी प्रोटीन मेज) प्रभेदवार बीज की जरू रत का आकलन कर लें. रिपोर्ट बना कर फसल वार बीज की मांग से कृषि विभाग को अवगत करायें. ताकि जल्द से जल्द किसानों के बीच आकस्मिक फसल योजना का बीज भेजा जाये.
भिंडी, लौकी, नेनुआ व करैला की बोआई करें
राजेंद्र कृषि विवि पूसा ने किसानों को सलाह दी है कि बारिश की संभावना कम है. मॉनसून बेहद कमजोर है. खरीफ मक्का व बरसाती भिंडी, लौकी, नेनुआ, करैला, खीरा की बोआई करें. इससे खरीफ की खेती में नुकसान कम होगा. नकदी आमदनी के स्नेत बने रहेंगे.
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