मुजफ्फरपुर: बीआरए बिहार विवि में अंगीभूत कॉलेजों के विकास मद की राशि की मॉनीटरिंग के लिए पहल शुरू हो गयी है. सीसीडीसी डॉ विनोद प्रसाद सिंह ने गुरुवार को कुलपति डॉ रवि वर्मा को पत्र लिख कर इसके लिए तीन सदस्यीय कमेटी के गठन का प्रस्ताव रखा है. इसके समन्वयक खुद सीसीडीसी होंगे. दो अन्य सदस्यों के लिए विकास अधिकारी व कॉलेज इंस्पेक्टर साइंस का नाम प्रस्तावित किया गया है.
कुलपति से मंजूरी के बाद कमेटी एक साल के भीतर विवि के सभी 39 अंगीभूत कॉलेजों का निरीक्षण करेगी. इस दौरान वह कॉलेज को वित्तीय वर्ष में यूजीसी से मिली विकास मद की राशि व उसकी उपयोगिता की जांच करेगी. निरीक्षण पूरा होने के बाद कमेटी कुलपति को अपना रिपोर्ट सौंपेगी.
पिछले दिनों विवि में कॉलेजों के विकास कार्यो की मॉनिटरिंग को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया था. कुलसचिव डॉ विवेकानंद शुक्ला ने यह दायित्व सीसीडीसी की होने की बात कह उन पर लापरवाही का आरोप लगाया था. इस संबंध में उन्होंने सीसीडीसी से स्पष्टीकरण भी पूछा था. इधर सीसीडीसी डॉ विनोद प्रसाद सिंह का कहना था कि सीसीडीसी का पद विकास मद की राशि की मॉनिटरिंग के लिए ही सृजित किया गया था.
पर विगत दस वर्षो से एक नयी परिपाटी शुरू हो गयी है. यूजीसी अंगीभूत कॉलेजों को सीधे राशि मुहैया कराती है व कॉलेज सीधे यूजीसी को उपयोगिता प्रमाण पत्र उपलब्ध कराती है. इस संबंध में सीसीडीसी कार्यालय को कोई सूचना नहीं दी जाती. ऐसे में इसकी मॉनिटरिंग करना संभव नहीं. इस संबंध में उन्होंने यूजीसी के सचिव को पत्र लिख कर शिकायत भी दर्ज करायी थी. इससे पूर्व इस मामले में पूर्व सीसीडीसी उपेंद्र मिश्र भी दो बार यूजीसी को पत्र लिख चुके हैं.