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बारिश में भी होगा बिजली का संकट
मुजफ्फरपुर: समय पर मेंटेनेंस नहीं होने के कारण पूरी गरमी शहर के उपभोक्ता बिजली के लिए हलकान रहे. आगे भी उपभोक्ताओं के साथ कुछ ऐसा ही होने वाला है. अभी तो हल्की बारिश आने पर, हल्की हवा चलने पर बिजली कई घंटे के लिए गायब हो जाती है. जब मॉनसून आयेगा, तेज हवा के साथ […]
मुजफ्फरपुर: समय पर मेंटेनेंस नहीं होने के कारण पूरी गरमी शहर के उपभोक्ता बिजली के लिए हलकान रहे. आगे भी उपभोक्ताओं के साथ कुछ ऐसा ही होने वाला है. अभी तो हल्की बारिश आने पर, हल्की हवा चलने पर बिजली कई घंटे के लिए गायब हो जाती है. जब मॉनसून आयेगा, तेज हवा के साथ बारिश होगी. उस वक्त क्या होगा? यह सोच शहर से गांव तक के चार लाख से अधिक बिजली उपभोक्ताओं की बेचैनी बढ़ गई है. सवाल चार लाख उपभोक्ताओं का नहीं, उनके परिवार के करीब 20 लाख लोगों का है. बेमौसम बारिश व हवा चलते ही फीडर बंद हो जाता है. फिर, बारिश में फीडर से ट्रांसफॉर्मर तक बिजली कैसे मिलेगी? बड़ा सवाल है? लोगों को बिजली संकट ङोलने के लिए तैयार रहना होगा.
बारिश में बढ़ेगा इंसुलेटर पंक्चर होने का संकट
बिजली आपूर्ति से जुड़े आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि बारिश व कुहासा में इंसुलेटर पंचर होने का खतरा बहुत अधिक होता है. कई इंसुलेटर एक साथ पंक्चर होते हैं. पिछले बेमौसम हुई कई बारिश में ऐसा हो चुका है. अर्थिग हेवी हो जाता है. बिजली तार में स्पार्किग की समस्या अधिक बढ़ जाती है. ग्रिड का ब्रेकर भी जल जाता है. इसलिए मॉनसून आने से पहले ही सिस्टम को दुरुस्त करना चाहिए. लेकिन, शहरी से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में कहीं भी बिजली आपूर्ति के लिए मेंटनेंस नहीं किया गया है. यानी शहर से गांव तक के फीडर मॉनसून की तेज हवा व झमाझम बारिश को ङोलने लायक नहीं है. यहां तक ग्रामीण फीडरों को सुरक्षा के लिहाज से बंद करना पड़ जाता है. फिर बारिश व अंधेरा एक साथ उपभोक्ताओं के लिए परेशानी उत्पन्न कर सकते हैं.
कंपनी के संवेदकों ने काम के समय खड़ा किया था हाथ
जब शहर में नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड ने एस्सेल को बिजली आपूर्ति का सौंपा. लोगों को बेहतर बिजली की उम्मीद थी. लेकिन, समय बीतने के साथ ही स्थिति लचर होती जा रही है. पैसे के लेन-देन को लेकर कंपनी के सारे संवेदक काम से एक साथ हाथ खड़ा कर दिया. लाइनमैन / हेल्पर, विजिलेंस, मीटर रीडर, एनएससी (सव्रे का काम) को उनके काम से हटा दिया. इसके बाद शहर में बिजली बिल वसूलने के लिए जितनी वैन चलाया जा रहा था. उसे बंद करना पड़ा.
फिर एबी केबल लगाने वाले संवेदक ने भुगतान को लेकर काम बंद कर दिया. अब स्थिति है कि कंपनी के पास कई काम के लिए आदमी नहीं है. जो मेंटनेंस से जुड़े काम सही तरीके से कर सके. कंपनी नवंबर के बाद अप्रैल तक आंदोलन से परेशान रही. इसके कर्मी मोरचा खोले रखा. गरमी शुरू हुई तब कंपनी ने मेंटनेंस का काम शुरू हुआ.
यहां सभी लाइन ओपेन है. सभी लाइनों में बाधाएं काफी है. सुरक्षा कारणों से कई फीडरों की बिजली काट दी जाती है. पेड़ों की डाली काट भी दी जाती है, फिर भी कौन पेड़ कितना इधर-उधर झुक जायेगा, कहना मुश्किल है. कंपनी 120 किलोमीटर के रेडियस में बिजली की आपूर्ति करती है. ग्रामीण क्षेत्रों में बांस व पेड़ पौधे से बिजली का तार गुजरता है. ऐसे में थोड़ी परेशानी होती है. लेकिन, उसे दुरुस्त किया जा रहा है. लोगों को सही बिजली देना कंपनी की प्राथमिकता में है.
संजय कुमार, बिजनेस हेड, एमवीवीएल.
दिन व रात में बार-बार बिजली कटने की जानकारी मिल रही है. एमवीवीएल कंपनी से शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में किये गये मेंटनेंस की स्थिति की जानकारी ली गई. रिपोर्ट आने के बाद आगे फिर उचित कार्रवाई का निर्देश दिया जायेगा. वैसे कंपनी को पहले भी सही समय पर मेंटनेंस का निर्देश दिया जा चुका है.
जय शंकर झा, अधीक्षण अभियंता,
एनबीपीडीसीएल, मुजफ्फरपुर.
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