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फैसले लेकर भूल जाता है विवि, परेशान होते हैं छात्र
मुजफ्फरपुर: अभी चंद दिनों पहले (13 मई) स्नातक पार्ट टू का रिजल्ट जारी हुआ था. उसमें पेंडिंग रिजल्ट की संख्या काफी अधिक थी. ऐसे में तय हुआ था कि छात्र विवि नहीं आयेंगे. यदि पेंडिंग रिजल्ट का सुधार करवाना है तो उन्हें कॉलेज में आवेदन देना होगा. कॉलेज के प्रतिनिधि छात्रों के आवेदन विवि लायेंगे […]
मुजफ्फरपुर: अभी चंद दिनों पहले (13 मई) स्नातक पार्ट टू का रिजल्ट जारी हुआ था. उसमें पेंडिंग रिजल्ट की संख्या काफी अधिक थी. ऐसे में तय हुआ था कि छात्र विवि नहीं आयेंगे. यदि पेंडिंग रिजल्ट का सुधार करवाना है तो उन्हें कॉलेज में आवेदन देना होगा. कॉलेज के प्रतिनिधि छात्रों के आवेदन विवि लायेंगे और रिजल्ट सुधार के बाद उसे पुन: संबंधित कॉलेज भेज दिया जायेगा.
यह पहला मौका नहीं है जब पेंडिंग रिजल्ट के सुधार के लिए इस तरह का प्रावधान किया गया है. पिछले वर्ष स्पेशल परीक्षा में चाय की दुकान व टेबुलेटर के घर पर पेंडिंग सुधार की प्रक्रिया चलने का खुलासा होने के बाद कुलपति ने इसे गंभीरता से लिया व तय किया गया कि भविष्य में विवि में ही स्पेशल टेबुलेटर रख कर पेंडिंग रिजल्ट का सुधार कराया जायेगा. अबतक छात्र-छात्रएं विवि के इस आदेश को धता बताते आ रहे हैं. अब खुद परीक्षा विभाग भी इसमें शामिल हो गया है. स्नातक पार्ट थर्ड में पेंडिंग रिजल्ट सुधार के लिए आने वाले छात्रों को कहा जा रहा है, यहां आवेदन देने से कुछ नहीं होगा. टेबुलेटर के घर जाइये व रिजल्ट सुधरवा लीजिए. इसके लिए बजाप्ता परीक्षा विभाग के गेट पर विषयवार टेबुलेटर का लिस्ट चिपका दिया गया है.
ऐसा तब है जब अभी तक पार्ट थर्ड का पूरा रिजल्ट जारी भी नहीं हुआ है. दरअसल छात्रों के दबाव में परीक्षा विभाग ने गत चार जून को हड़बड़ी में रिजल्ट जारी कर दिया. उसमें कुछ कॉलेज के रिजल्ट छूट गये. इसके बाद चार व पांच जून को कुछ छूटे हुए कॉलेजों के रिजल्ट को दुबारा वेबसाइट पर अपलोड किया गया है. अभी कुछ और रिजल्ट के छूटे होने की आशंका जतायी जा रही है. वहीं नियमों के तहत भी टेबुलेशन की प्रक्रिया ‘गोपनीय’ श्रेणी में आता है. बावजूद नियमों की अनदेखी करते हुए टेबुलटर का लिस्ट जारी कर दिया गया है. छात्र भी धड़ल्ले से रिजल्ट सुधरवाने के लिए उनके घरों तक जा रहे हैं.
खुद लगायी रोक, फिर कैसे स्वीकार होगा फॉर्म!
परीक्षा विभाग ने इस वर्ष होने वाले स्नातक पार्ट वन की परीक्षा के लिए फॉर्म भरने की तिथि घोषित की है. इसके तहत फॉर्म पांच से बीस जून तक भरा जायेगा. पत्र में पार्ट वन में प्रमोटेड होने वाले छात्रों को फॉर्म भरने के लिए अलग से अवसर दिये जाने का भी जिक्र है. पर परीक्षा विभाग से एक भूल हो गयी. दरअसल, प्रभात खबर ने बीते दिनों बिना पंजीयन संख्या के ही छात्रों को स्नातक पार्ट टू का एडमिट कार्ड जारी कर दिये जाने व परीक्षा ले लेने के मामले का खुलासा किया था. इसके बाद खुद कुलपति डॉ पंडित पलांडे ने आदेश जारी कर भविष्य में बिना पंजीयन संख्या के परीक्षा फॉर्म स्वीकारने व औपबंधिक एडमिट कार्ड जारी करने पर रोक लगा दी थी. कुलपति के आदेश के बाद खुद परीक्षा नियंत्रक डॉ पंकज कुमार ने एडमिट कार्ड सेक्शन को इस संबंध में लिखित आदेश जारी किया था. फिलहाल इस वर्ष स्नातक पार्ट वन की परीक्षा में शामिल होने वाले छात्र-छात्रओं का पंजीयन संख्या कॉलेजों को नहीं भेजा गया है. ऐसे में सवाल उठता है कि बिना पंजीयन छात्र फॉर्म कैसे भरेंगे? यदि वे फॉर्म भर भी देते हैं तो सवाल उठता है कि क्या परीक्षा विभाग कुलपति के आदेश की अवहेलना कर वह फॉर्म स्वीकार करेगी? अधिकारी भी स्वीकारते हैं कि गलती हुई है. वे पंजीयन संख्या जारी होने में देरी के कारण फॉर्म भरने की तिथि बढ़ाने की बात भी कह रहे हैं.
टेबुलेटर का नाम सार्वजनिक नहीं होना चाहिए था. यह कैसे हुआ, इस मामले में परीक्षा नियंत्रक से बातचीत की जायेगी और तय किया जायेगा भविष्य में ऐसी गलती न हो. जहां तक पंजीयन संख्या की बात है तो फिलहाल अंगीभूत कॉलेजों के छात्रों के आवेदन के आधार पर उन्हें संख्या एलॉट किया जा रहा है. जल्द ही उसे कॉलेज भेज दिया जायेगा. संबद्ध व निजी कॉलेजों के पंजीयन संख्या एलॉट करने में देरी हो सकती है. ऐसे में जरू रत पड़ी तो फॉर्म भरने की तिथि बढ़ा दी जायेगी.
डॉ सतीश कुमार राय, कुलानुशासक
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