संवाददाता, मुजफ्फरपुरजिले में लॉ एंड ऑर्डर सही नहीं होने के कारण हजारों को एटीएम यूजर को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. अगर रात में किसी को पैसे की जरूरत हो तो उन्हें शायद ही कोई ऐसा एटीएम मिले जहां से वे पैसा निकाल सकें. बैंकों द्वारा एटीएम सेवा का सीधा अर्थ है लोगों को 24 घंटे रुपये निकालने की सुविधा उपलब्ध कराना. लेकिन शहर में पुलिस की व्यवस्था चुस्त नहीं होने के कारण ऐसा नहीं हो नहीं पा रहा है. रात के दस बजे के बाद अधिकांश एटीएम के शटर डाउन हो जाते हैं. अगर रात में किसी को इमरजेंसी आ जाये तो चाहकर भी एटीएम से पैसा नहीं निकाल सकता. हाल में एटीएम तोड़ने की हुई घटनाएं पुलिस के कानून व्यवस्था की पोल खोलती है. अब तक जिले में छह जगहों पर एटीएम लूट का प्रयास किया जा चुका है. एक एटीएम गार्ड की हत्या कर एटीएम लूटने का प्रयास किया गया था. एक निजी एजेंसी व बैंक के शीर्ष अधिकारी ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा कि एक एटीएम में गार्ड की नियुक्ति पर 50 से 55 हजार रुपये का खर्च आता है. आज के आधुनिक समय में मैन लेश बैंकिंग यानी खुद से बैंकिंग की बात हो रही है. इसको लेकर ई-लॉबी सेवा की बात हो रही है जहां कैश जमा, निकासी, ऑटोमेटिक पासबुक मशीन सहित सारी सुविधाएं उपलब्ध होंगी. ऐसे में अगर हर जगह सुरक्षा गार्ड की नियुक्ति होती है तो इसका सीधा असर आम लोगों के जेब पर पड़ेगा. बैंक द्वारा विभिन्न सेवा के शुल्क में बढ़ोतरी कर दी जायेगी.
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रात 10 बजे डाउन हो जाते हैं शहर के एटीएम के शटर
संवाददाता, मुजफ्फरपुरजिले में लॉ एंड ऑर्डर सही नहीं होने के कारण हजारों को एटीएम यूजर को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. अगर रात में किसी को पैसे की जरूरत हो तो उन्हें शायद ही कोई ऐसा एटीएम मिले जहां से वे पैसा निकाल सकें. बैंकों द्वारा एटीएम सेवा का सीधा अर्थ है लोगों […]
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