मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के नियम के अनुसार आयुष नहीं हैं अधिकृतजिले को मुख्यालय ने उपलब्ध कराये 28 आयुष डॉक्टर, पीएचसी में हुई प्रतिनियुक्तिसंवाददाता, मुजफ्फरपुरएइएस के इलाज के लिए राज्य स्वास्थ्य समिति ने जिले को 41 डॉक्टर उपलब्ध कराये हैं. लेकिन इनमें से 19 डॉक्टर आयुष हैं. सरकार की ओर से एमबीबीएस डॉक्टर की अपेक्षा आयुष डॉक्टर उपलब्ध कराने से एइएस के इलाज में बाधा हो सकती है. इन डॉक्टरों को अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात कर दिया गया है, लेकिन मेडिकल कौंसिल ऑफ इंडिया के नियम के अनुसार आयुष डॉक्टरों को एलोपैथी इलाज नहीं करना है. आयुष होमियोपैथी, आयुर्वेदिक व यूनानी पद्धति से ही इलाज करने के योग्य हैं. जबकि एइएस का इलाज एलोपैथी चिकित्सा पद्धति से की जाती है. इलाज के प्रोटोकॉल में भी एलोपैथी इलाज की बात कही गयी है. ऐसी स्थिति में एइएस से पीडि़त बच्चों की चिकित्सा आयुष चिकित्सक कैसे करेंगे, यह हैरानी की बात है. ::: बयान :::आयुष चिकित्सकों को ऐसी जगहों पर प्रतिनियुक्त किया गया है, जहां एइएस का प्रभाव बहुत कम है. यदि उन अस्पतालों में बीमार बच्चे आते हैं तो आयुष प्रोटोकॉल के तहत उसकी प्राथमिक चिकित्सा करेंगे. उसके बाद बीमार बच्चों को रेफर किया जायेगा. डॉ ज्ञान भूषण, सिविल सर्जन
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एलोपैथी पद्धति से एइएस का इलाज करेंगे आयुष!
मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के नियम के अनुसार आयुष नहीं हैं अधिकृतजिले को मुख्यालय ने उपलब्ध कराये 28 आयुष डॉक्टर, पीएचसी में हुई प्रतिनियुक्तिसंवाददाता, मुजफ्फरपुरएइएस के इलाज के लिए राज्य स्वास्थ्य समिति ने जिले को 41 डॉक्टर उपलब्ध कराये हैं. लेकिन इनमें से 19 डॉक्टर आयुष हैं. सरकार की ओर से एमबीबीएस डॉक्टर की अपेक्षा […]
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