मुजफ्फरपुरः गोबरसही स्थित प्राथमिक उत्क्रमित मध्य विद्यालय डुमरी की प्राचार्या निरुपमा शरण के यहां शुक्रवार की रात चोरों ने बीस हजार नकदी सहित दस लाख के जेवरात की चोरी कर ली. इसका खुलासा रविवार को हुआ जब उनकी बेटियां घर पहुंची. पिछले पांच दिनों से घर में ताला लगा हुआ था. प्राचार्या और ग्रामीणों के विवाद के बाद पुलिस ने मां-बेटियों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया था तब से ये लोग अपने किसी रिश्तेदार के यहां ठहरे थे.
टूटा था ताला
गोबरसही आवास पर जब निरुपमा
की बेटियां पहुंची तो मुख्य द्वार का
ताला टूटा था. फिर दोनों बहनें अंदर गयी वहां भी सभी कमरे के ताले टूटे थे. घर में सामान बिखरा पड़ा था. अलमीरा का सामान
बाहर फैला था. चोरी की आशंका होते
ही एक बेटी ने मां को फोन की. फिर मां
ने सदर थाने को घर में चोरी की सूचना दी. आनन-फानन में सदर थाने की पुलिस
मौके पर पहुंची. शुरुआती जांच के बाद प्राचार्या के बयान पर पुलिस ने अज्ञात चोरों पर एफआइआर दर्ज कर लिया.
अलमीरा से उड़ाया सोना-चांदी : पुलिस ने बताया कि चोर मकान के मुख्य द्वार का ताला तोड़ कर अंदर घुसे थे. प्राचार्या के बेड में रखे अलमीरा के लॉक को तोड़ लॉकर में रखे सोना-चांदी के करीब दस लाख रुपये के जेवरात समेत कई कीमती समानों की चोरी कर ली गयी है. पुलिस प्रारंभिक जांच के दौरान घटना को सत्य मानते हुए इसमें शामिल चोरों की गिरफ्तारी व समानों की बरामदगी की तलाश में जुट गयी है.
पांच दिनों से बंद था मकान : प्राचार्य निरुपमा शरण का मकान पिछले पांच दिनों से बंद था. वह मंगलवार से ही अपने घर में ताला लगा रामदयालुनगर स्थित अपने एक रिश्तेदार के यहां दोनों बेटियों के साथ ठहरी हुई थी. तनाव को देखते हुए पुलिस ने सुरक्षा की दृष्टि से पूरे परिवार को रिश्तेदार के यहां पहुंचा दिया था.
ग्रामीणों से हुआ था विवाद : डुमरी मध्य विद्यालय के गेट पर अव्यवस्था को लेकर ग्रामीणों ने ताला बंदी कर प्रदर्शन किया था. इसकी प्रतिक्रिया में प्राचार्या के पुत्र हर्ष ने गांव के ही अभिषेक की पिटाई कर दी थी. इसके बाद ग्रामीणों ने प्राचार्या के आवास पर रात में हमला बोल दिया था. फिर मंगलवार की सुबह घर पर तोड़फोड़ किया. प्राचार्या को चोटें आयी. ग्रामीणों के आक्रोश को देखते हुए भारी संख्या में पुलिस मौके पर पहुंची. फिर ग्रामीणों ने पुलिस पर पथराव कर दिया था. पुलिस ने बचाव करते हुए हवाई फायरिंग की थी. उसके बाद तनाव को बढ़ते देख पुलिस ने प्राचार्या समेत पूरे परिवार को घर से सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया था.
पुलिस ने दिया था आश्वासन : घटना के बाद जब प्राचार्या समेत परिवार के सभी लोग सुरक्षित स्थान पर चले गये तो पुलिस ने उनके आवास के सुरक्षा का आश्वासन दिया था. लेकिन बुधवार को आवास से पुलिसकर्मी चले गये थे. इसके बाद घर खाली हो गया था. उसी समय प्राचार्या ने किसी अनहोनी की आशंका जतायी थी.
प्राचार्या ने पुलिस पर उठाया सवाल
प्राचार्या निरुपमा शरण ने घटना के लिए पुलिस को जिम्मेवार ठहराया है. प्रधानाचार्य का कहना है कि वह दोनों बेटी की शादी के लिए जेवरात की खरीदारी की हुई थी. उसे लॉकर में रखने के बजाय घर में ही रखी थी. उनका कहना है कि जब उसके घर पर मंगलवार को हमला हुआ था. इसके बाद पुलिस उन्हें और परिवार के अन्य सदस्यों को घर से हटा कर दूसरे
स्थान पर पहुंचा दी थी. एक दिन तक घर
पर पुलिस की तैनाती थी लेकिन बुधवार
को पुलिस कर्मियों को हटा दिया गया था. प्राचार्या ने दो दिनों तक तैनात पुलिस कर्मी की भूमिका पर भी सवाल उठाया है.