मुजफ्फरपुर: सिविल सजर्न पर लिपिकों के पदस्थापन के लिए दबाव बनाने व उन्हें जातिसूचक शब्द कहने के मामले में आरोपित आरटीआइ कार्यकर्ता मंटू मोहन को गुरुवार को पुलिस ने गिरफ्तार कर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में पेश किया. वहां से उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया.
सिविल सजर्न डॉ ज्ञान भूषण ने आरोप लगाया था कि मंटू उन पर बराबर लिपिकों के पदस्थापन के लिए दबाव बनाता था. विरोध करने पर वह उन्हें अपमानित करता व जातिसूचक शब्द कहता था. इस संबंध में उन्होंने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में मामला दर्ज कराया था. इसकी सुनवाई के बाद कोर्ट ने दो अगस्त को मंटू मोहन के खिलाफ सम्मन जारी किया. पर वह कोर्ट में नहीं हाजिर हुआ. इसके बाद कोर्ट ने पांच सितंबर को उसके खिलाफ वारंट जारी कर दिया.
मुझे फंसाने का प्रयास : मंटू
गुरुवार को पुलिस अभिरक्षा में कोर्ट में हाजिर होने आये मंटू मोहन ने बताया कि वह एक सामाजिक कार्यकर्ता है. आरटीआइ के माध्यम से लगातार भ्रष्टाचार का विरोध करते आये हैं. बीते वर्ष उन्होंने सिविल सजर्न के खिलाफ निगरानी न्यायालय में दवा खरीद व लिपिक की बहाली में नाजायज लाभ लेने का मामला दर्ज कराया था. इसी कारण उन पर झूठा आरोप लगा कर फंसाने का प्रयास किया जा रहा है.