हालांकि विवि प्रशासन इसके लिए जिम्मेवार खुद को नहीं मान कर छात्रों को ही दोषी ठहरा रहा है. परीक्षा नियंत्रक डॉ पंकज कुमार का मानना है कि उनके स्तर से एक भी रिजल्ट पेंडिंग नहीं हुआ है. पेंडिंग रिजल्ट के लिए छात्र दोषी हैं. वैसे जिन छात्रों का रिजल्ट पेंडिंग है, वह अपने कॉलेज प्रशासन से संपर्क करें. आवेदन वहीं जमा करायें. पेंडिंग सुधार कर उनका रिजल्ट वहीं भेज दिया जायेगा.
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स्नातक पार्ट टू के 17 हजार छात्रों का रिजल्ट पेंडिंग
मुजफ्फरपुर: बीआरए बिहार विवि की गलती का खामियाजा स्नातक पार्ट टू के लगभग 17 हजार छात्रों को भुगतना पड़ रहा है. ये वैसे छात्र हैं जिनका रिजल्ट पेंडिंग हैं. इसमें सुधार के लिए वे विवि का चक्कर काटने लगे हैं, लेकिन उनकी सुधि लेने वाला कोई नहीं है. हालांकि विवि प्रशासन इसके लिए जिम्मेवार खुद […]
मुजफ्फरपुर: बीआरए बिहार विवि की गलती का खामियाजा स्नातक पार्ट टू के लगभग 17 हजार छात्रों को भुगतना पड़ रहा है. ये वैसे छात्र हैं जिनका रिजल्ट पेंडिंग हैं. इसमें सुधार के लिए वे विवि का चक्कर काटने लगे हैं, लेकिन उनकी सुधि लेने वाला कोई नहीं है.
4200 का नाम गलत
स्नातक पार्ट टू के रिजल्ट पेंडिंग का रिजल्ट ङोल रहे 17 हजार छात्रों में चार हजार वैसे छात्र हैं जिनके नाम में त्रुटियां होने के कारण रिजल्ट पेंडिंग है. इसके लिए छात्रों को जिम्मेवार ठहराना हास्यास्पद है. इतनी बड़ी संख्या में छात्र अपने नाम में गड़बड़ी नहीं कर सकते.
जानकार बताते हैं कि यह गड़बड़ी टेबुलेशन रजिस्टर (टीआर) की है. इसे विवि के कर्मचारी और अधिकारी मिल कर तैयार करते हैं. टीआर में गलत नाम होने के कारण इतनी बड़ी संख्या में नाम की त्रुटियां सामने आयी है.
क्यों होता है गलत पंजीयन
स्नातक पार्ट टू के रिजल्ट पेंडिंग में एक गंभीर सवाल पंजीयन का उठ रहा है. गलत पंजीयन के कारण 1003 छात्रों का रिजल्ट पेंडिंग है. आखिर गलत पंजीयन कौन किया, छात्र या विवि के कर्मचारी? ऐसे में छात्रों को दोषी ठहराना कहां तक उचित है? 81,423 परीक्षार्थियों में 50,325 सफल बताये जा रहे हैं. 1778 फेल हैं. पंजीयन संख्या में गड़बड़ी के कारण छात्रों का रिजल्ट नहीं आने से वे विवि का चक्कर काटना शुरू कर दिये हैं.
तो क्या आंखें बंद कर जारी होता है प्रवेश पत्र
स्नातक पार्ट टू के रिजल्ट ने एक बड़ा सवाल यह भी खड़ा कर दिया है कि कहीं आंखें बंद कर तो प्रवेश पत्र जारी नहीं किया जाता है. 12095 छात्रों का पेंडिंग रिजल्ट गलत विषयों के कारण बताया जा रहा है. यह गंभीर सवाल है. परीक्षा फॉर्म कॉलेज में भरे जाते हैं. कई प्रक्रियाओं से गुजरने के बाद यानी उसे सहायक जांच करते हैं. फिर जांच कर शिक्षक अग्रसारित करते हैं, तब प्राचार्य दस्तखत करते हैं और उनका मुहर लगा कर विवि को भेजा जाता है. विवि में भी परीक्षा फॉर्म की स्कूट्रनी की जाती है. तब प्रवेश पत्र जारी होता है. इतनी प्रक्रिया के बावजूद जब परीक्षा होती है तो वीक्षक प्रवेश पत्र जांच कर परीक्षार्थी को परीक्षा देने देते हैं. इतनी प्रक्रियाओं के बावजूद छात्र गलत विषयों की परीक्षा कैसे दे दिये, यक्ष प्रश्न बन गया है.
पेंडिंग सुधार के लिए अधिसूचना
परीक्षा नियंत्रक डॉ पंकज कुमार ने शुक्रवार को स्नातक पार्ट टू के पेंडिंग रिजल्ट सुधार के लिए अधिसूचना जारी कर दी है. इसमें प्राचार्यो को कहा गया है कि छात्रों का आवेदन जमा कर एक साथ स्पेशल मैसेंजर से विवि भेजें, दो दिनों में पेंडिंग सुधार कर दिया जायेगा. अधिसूचना में कहा गया है कि पेंडिंग सुधार मुफ्त होगा. इसके लिए छात्रों से अलग से कोई शुल्क नहीं लिया जायेगा. छात्रों के पेंडिंग रिजल्ट को सुधार कर कॉलेजों में ही भेज दिया जायेगा, ताकि उन्हें विवि दौड़ने की जरूरत नहीं पड़े.
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