– ज्योतिषीय गणना के लिहाज से भूकंप, तूफान, आंधी जैसी होगी तबाही- शनि मंगल के षडाष्टक योग के कारण बनी स्थिति, उत्तर पश्चिमी क्षेत्र होंगे सबसे अधिक प्रभावितवरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर. प्राकृतिक आपदाओं का कारण ज्योतिष शनि मंगल का षडाष्टक योग मान रहे हैं. ज्योतिषों का मत है कि इस योग के कारण सात जून तक प्राकृतिक आपदाओं का विशेष दुर्योग हैं. ज्योतिष दृष्टि से 25 मार्च 2015 से 3 मई 2018 तक शनि मंगल का षडाष्टक योग, मंगल राष्ट्र का षडाष्टक योग रहेगा. इस बीच 24 अप्रैल से सूर्य, शनि (प्रबल शत्रु) का योग भी हानिकारक प्रभाव डाल रहा है. आचार्य रत्नेश मिश्र कहते हैं कि शनि की महादशा के कारण यह योग बना है. उत्तर पश्चिमी क्षेत्र इससे प्रभावित होगा. ज्योतिष विमल कुमार लाभ कहते हैं कि इस शनि मंत्री मंगल की राशि में बैठे हैं. इसलिए 2072 संवत में भूकंप आने की संभावना बनी रहेगी. 10 मई को सूर्य धरती से 20 डिग्री की स्थिति में था. इससे पहले भी बना है संयोगइससे पूर्व यह संयोग 30 अक्टूबर 1990 को बना था. परिणाम स्वरू प अयोध्या कांड हुआ. पं.धीरज शर्मा कहते हैं कि 17 जनवरी 1991 को ऐसे ही योग में अमेरिका इराक युद्ध, जून 2013 में ऐसे ही योग के कारण केदारनाथ में तबाही. इस बार यह योग मार्च 2015 से 3 मई तक था. लेकिन 4 मई से 7 जून तक राहु, मंगल, शुक्र व शनि का सम सप्तक योग रहने के कारण स्थिति और खराब हो गयी है, जिससे नेपाल, यूपी, बिहार में विशेष खतरा का योग है. हम सभी को सात जून तक सावधान रहना होगा. इससे भूकंप, आंधी, बाढ़ जैसी तबाही हो सकती है. हम सभी को इसके लिए वराह मंत्र का जाप व पूजन करना चाहिए.
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सात जून तक रहेगा प्राकृतिक आपदाओं का खतरा
– ज्योतिषीय गणना के लिहाज से भूकंप, तूफान, आंधी जैसी होगी तबाही- शनि मंगल के षडाष्टक योग के कारण बनी स्थिति, उत्तर पश्चिमी क्षेत्र होंगे सबसे अधिक प्रभावितवरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर. प्राकृतिक आपदाओं का कारण ज्योतिष शनि मंगल का षडाष्टक योग मान रहे हैं. ज्योतिषों का मत है कि इस योग के कारण सात जून तक […]
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