मुजफ्फरपुर: बीआरए बिहार विवि के चौदह संबद्ध डिग्री कॉलेजों के सरकारी अनुदान पर संकट छा सकता है. ऐसा विवि की ओर से वर्ष 2007 से वर्ष 2010 तक कॉलेजों में नामांकित छात्रों का रिकॉर्ड सरकार को उपलब्ध नहीं कराने के कारण है. उच्च शिक्षा विभाग ने इसके लिए विवि को फटकार लगाते हुए 13 सितंबर तक मांगी गयी सूचना उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है. ऐसा नहीं करने पर सरकार ने इन कॉलेजों के अनुदान को रोक देने की चेतावनी
दी है.
संबद्ध डिग्री कॉलेजों को छात्रों की संख्या व उनकी सफलता के आधार पर सरकार की ओर से अनुदान दिया जाता है. पिछले वर्ष सरकार ने कॉलेजों की ओर से अनुदान के लिए भेजे गये छात्रों के रिकॉर्ड पर सवाल उठाते हुए इसकी जांच का निर्णय लिया. इसके लिए सभी डिग्री कॉलेजों को वर्ष 2007 से 2010 तक उनके यहां नामांकित छात्रों की सूची व स्नातक की परीक्षाओं में बैठने व उत्तीर्ण होने वाले छात्रों की संख्या उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया. सरकारी निर्देश के बाद अधिकांश कॉलेजों ने छात्रों के रिकॉर्ड उपलब्ध भी कराये. पर सरकार ने इस पर भी सवाल उठाते हुए विवि परीक्षा विभाग के टीआर व खुद के पास मौजूद रिकॉर्ड के मिलान का निर्णय लिया. इसके लिए गत नौ सितंबर को उच्च शिक्षा विभाग के सहायक निदेशक अनुप कुमार सिन्हा सहित अन्य अधिकारियों ने बीआरए बिहार विवि के अधिकारियों के साथ बैठक की. इसमें विवि को सभी संबद्ध डिग्री कॉलेजों के उक्त अवधि के प्रथम, द्वितीय व तृतीय वर्ष का रिकॉर्ड उपलब्ध कराना था, पर विवि सिर्फ स्नातक पार्ट थर्ड का टीआर उपलब्ध करा सकी. यही नहीं सरकार के प्रतिनिधियों ने इस दौरान जगन्नाथ मिश्र व पंडित उगम पांडेय डिग्री कॉलेज के टीआर की जांच की. इसमें भी कमियां पायी गयी.