मुजफ्फरपुर: दहेज उत्पीड़न व आर्म्स एक्ट मामले में जेल गये बिहार विवि प्रगतिशील कर्मचारी संघ के सचिव नरेंद्र कुमार सिंह के राज अब खुलने लगे हैं. महज कुछ माह के प्रेम में ही नरेंद्र ने पहली पत्नी अनामिका से गुपचुप तलाक कर दूसरी शादी रचा ली थी. दूसरी शादी 11 अगस्त को जवाहर लाल रोड स्थित आर्य समाज मंदिर में पीजी गल्र्स हॉस्टल में रहने वाली लड़की कल्पना (काल्पनिक नाम) से की है. लड़की सीतामढ़ी जिले की रहने वाली है. वह कई साल गल्र्स हॉस्टल में रहती है. वर्तमान में वह मैथिली विषय से पीजी कर रही है.
हालांकि, पहले सेमेस्टर की परीक्षा में किसी कारण से वह शामिल नहीं हो सकी है. इससे पहले वह समाजशास्त्र से पीजी कर चुकी है. बताया जाता है कि कल्पना व नरेंद्र के बीच दो माह पूर्व ही दोस्ती हुई थी. कल्पना डबल पीजी करना चाहती थी, लेकिन नये नियम से नामांकन नहीं हो रहा था. इसको लेकर वह विवि में चक्कर काटती रहती थी. इसी बीच सीसीडीसी ऑफिस में तैनात नरेंद्र से उसकी मुलाकात हुई. दो मिनट की मुलाकात पहले प्यार में बदला. फिर दोनों ने एक-दूजे का होने का फैसला कर शादी रचा ली. इस बात की चर्चा पूरे विवि में है. इसका खुलासा एफआइआर के बाद पुलिस की कार्रवाई के बाद हुआ है.
होटल में मनाया था हनीमून
नरेंद्र ने 11 अगस्त को शादी करने के बाद जवाहरलाल रोड स्थित एक होटल में हनीमून मनाया था. खास दोस्तों के साथ एक रेस्तरां में पार्टी भी दी थी. इसमें लजीज व्यंजन के साथ शराब परोसी गयी थी. इसके बाद नरेंद्र नयी पत्नी के साथ होटल में बुक एयर कंडीशनर कमरे में चला गया था. शादी की रस्म 11 अगस्त को दोपहर ढाई बजे शुरू हुई, जो शाम साढ़े पांच बजे तक समाप्त हो गयी थी. लड़की पक्ष से किसी के नहीं होने के कारण नरेंद्र के एक रिश्तेदार ने कन्यादान किया था. शादी में नरेंद्र की ओर से दूर के रिश्ते की एक महिला के अलावा 22-25 की संख्या में लोग थे. पुलिस इन सारे बिंदुओं पर जांच कर रही है.
एक पक्षीय सुनवाई के बाद हुआ तलाक
नरेंद्र व उसकी पत्नी अनामिका के बीच कई साल से विवाद चल रहा था. विवाद इतना बढ़ गया कि जून, जुलाई में नरेंद्र ने तलाक के लिए फैमिली कोर्ट में गुपचुप तरीके से मामला दर्ज कराया. इसके बाद कोर्ट ने पत्नी अनामिका के नाम नोटिस निकाला. बताते हैं कि कोर्ट के नोटिस को अनामिका ने स्वीकार करने से इनकार कर दिया. इसके बाद नरेंद्र ने कोर्ट की अनुमति से अखबार में प्रकाशन कराया. इसके बाद भी पत्नी जब फैमिली कोर्ट में हाजिर नहीं हुई, तब कोर्ट ने नरेंद्र के पक्ष में तलाक मंजूर कर दिया. तलाक मंजूर याचिका पर विवि के एक कर्मचारी के अलावा नरेंद्र के दो दोस्तों ने भी गवाही दी है.