– कम्युनिटी कॉलेज में ‘किसानों को निगलती किसानी : समस्या और समाधान’ पर संवाद संपन्न मुजफ्फरपुर. सर्वोदयी चिंतक लक्षणदेव प्रसाद सिंह ने कहा है कि संत विनोबा और सहजानंद स्वामी के बाद किसानों के हितैषी का सर्वथा अभाव है. इसका दूरगामी असर किसानों पर पड़ रहा है. खेती को सहायक धंधों से जोड़ने की दिशा में कोई ठोस पहल नहीं हो रही. पशुपालन आदि के रूप में जो सहायक धंधा था वह आज अलग धंधा बन चुका है. वह भी संकट में है. ऐसे हालातों से उबरने के लिए ईमानदार किसान नेतृत्व की जरूरत है. वे रविवार को कम्युनिटी कॉलेज में गांधी शांति प्रतिष्ठान के तत्वावधान में आयोजित संवाद कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने ‘किसानों को निगलती किसानी : समस्या और समाधान’ विषयक संवाद में कहा कि कभी खेती उमंग और अनुराग का धंधा था. आज उसी खेती से आग निकल रही है जिसमें किसान झुलस रहे हैं. उन्होंने कहा कि देश के किसान कर्ज में डूबे हैं. उद्योग जगत मात्र 15 फीसदी लोगों को रोजगार देता है. कृषि 52-55 फीसदी लोगों को जीविका देती है, उसकी सुधि कभी नहीं ली गयी. जिन किसानों ने देश को खाद्य सुरक्षा प्रदान किया, उन्हें अपने हाल पर छोड़ दिया गया. कार्यक्रम को प्रो जयकांत सिंह जय, डॉ अविनाश रंजन, डॉ कृष्ण मोहन, मुकेश प्रसाद ठाकुर, प्रो एमएन रजवी, रंजीत मेहता, वीके प्रलयंकर, प्रो रोहिताश्व दुबे, प्रो भोजनंदन सिंह, डॉ हेमनारायण विश्वकर्मा आदि ने भी अपने-अपने विचार रखे. अध्यक्षता एलएस कॉलेज के प्राचार्य डॉ एएन यादव, विषय प्रवेश प्रतिष्ठान के अध्यक्ष डॉ अरुण कुमार सिंह, संचालन सचिव अरविंद वरुण, स्वागत डॉ श्याम कल्याण व धन्यवाद ज्ञापन सोनू सरकार ने किया.
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ईमानदार किसान नेतृत्व की जरूरत : लक्षणदेव
– कम्युनिटी कॉलेज में ‘किसानों को निगलती किसानी : समस्या और समाधान’ पर संवाद संपन्न मुजफ्फरपुर. सर्वोदयी चिंतक लक्षणदेव प्रसाद सिंह ने कहा है कि संत विनोबा और सहजानंद स्वामी के बाद किसानों के हितैषी का सर्वथा अभाव है. इसका दूरगामी असर किसानों पर पड़ रहा है. खेती को सहायक धंधों से जोड़ने की दिशा […]
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