मुजफ्फरपुर: मुजफ्फरपुर को गोपालगंज से जोड़नेवाले बंगरा महासेतु का काम फिर एक सप्ताह से बंद है. इसके पीछे माओवादियों का हाथ माना जा रहा है. बताया जा रहा है कि लेवी की दूसरी किस्त नहीं मिलने के कारण माओवादियों ने धमकी दी, जिसकी वजह से काम बंद है. मौके पर सैप के 32 जवान तैनात […]
मुजफ्फरपुर: मुजफ्फरपुर को गोपालगंज से जोड़नेवाले बंगरा महासेतु का काम फिर एक सप्ताह से बंद है. इसके पीछे माओवादियों का हाथ माना जा रहा है. बताया जा रहा है कि लेवी की दूसरी किस्त नहीं मिलने के कारण माओवादियों ने धमकी दी, जिसकी वजह से काम बंद है. मौके पर सैप के 32 जवान तैनात हैं, लेकिन उन पर माओवादियों का भय भारी पड़ रहा है. काम बंद होने से महासेतु में काम कर रहे 275 कर्मचारी पलायन कर गये हैं.
अधिकारियों को मामले की जानकारी है. वो कह रहे हैं, कार्रवाई की जा रही है. 508 करोड़ से बननेवाले बंगरा महासेतु का निर्माण एसपी बंगरा महासेतु का सिंगला कंपनी कर रही है. पिछले साल 23 नवंबर को माओवादियों ने इसके बेस कैंप पर हमला किया था.
उसके बाद से वहां पर सैप के जवानों को तैनात कर दिया था. इसके बाद काम शुरू हुआ, लेकिन बताते हैं कि सप्ताह भर पहले माओवादियों की ओर से काम नहीं करने की चेतावनी दी गयी. बताते हैं कि मोटरसाइकिल पर सवार माओवादी बेस कैंप पर पहुंचे थे. उन लोगों ने काम बंद करने संबंधी चिट्ठी वहां काम करवा रहे अधिकारियों को सौपी. इसके बाद से महासेतु का काम बंद हो गया. बताया जाता है कि चिट्ठी देने के साथ माओवादियों की ओर से धमकी दी जा रही है.
माओवादियों की ओर से कहा गया है कि बिना लेवी के इस बार काम शुरू किया गया, तो हमला होगा, अबकि माल के साथ जान का भी नुकसान होगा. इससे बेस कैंप पर काम करनेवाले कर्मचारियों में भय व्याप्त हो गया है. काम करनेवाले कर्मचारियों के पलायन करने की वजह से बेस कैंप में सन्नाटा पसरा है. बेस कैंप में कंपनी के स्थायी कर्मचारी व इंजीनियर मौजूद हैं, उनमें भी दहशत है. बताया जा रहा है कि इस समय बेस कैंप के आसपास माओवादियों ने अपनी गतिविधि तेज कर दी है. इस बार जो मजदूर काम से पलायन कर रहे हैं. उनका कहना है कि वो अब महासेतु पर काम करने के लिए वापस नहीं आयेंगे, क्योंकि पहली बार हमले के बाद कहा गया था कि अब कोई डर नहीं है. सब मामला सुलझा लिया गया है, लेकिन फिर माओवादी धमकी दे रहे हैं.
वहीं, बेस कैंप पर मौजूद सैप के जवान ड्यूटी कर रहे हैं, लेकिन वो माओवादियों का भय दूर नहीं कर पा रहे हैं. गंडक पर साहेबगंज के बंगराघाट पर 508 करोड़ की राशि से डेढ़ किमी की लंबे महासेतु का निर्माण हो रहा है. इसके निर्माण से मुजफ्फरपुर के साहेबगंज से गोपालगंज सीधा जुड़ जायेगा. यह पुल एसएच 74 से एसएच 90 को जोड़ेगा. पुल की चौड़ाई तीन लेन में होगी. इसका निर्माण अप्रैल 2014 में शुरू हुआ था, जिसे अप्रैल 2017 में पूरा किया जाना है. काफी दिनों से इस पुल की मांग दोनों जिलों के लोगों की ओर से की जा रही थी.
नहीं दी लेवी की दूसरी किस्त
माओवादियों के हमले के बाद महासेतु बना रही कंपनी व माओवादियों के बीच लेवी की राशि तय हो गयी थी. इस बात की चर्चा है. साल में एक करोड़ की लेवी माओवादियों ने तय की थी, जिसकी पहली किस्त के रूप में कंपनी की ओर से 28 लाख दिये गये थे. ये बात सूत्र बताते हैं. बताया जाता है कि दूसरी किस्त फरवरी में दी जानी थी, लेकिन कंपननी की ओर से नहीं दी गयी. इसी के बाद माओवादियों की ओर से धमकी दी जाने लगी.