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विस्तार के बाद स्मार्ट होगा अपना शहर

मुजफ्फरपुर के मच्छरपुर के नाम से पुकारते हैं बाहर के लोग. जो एक बार यहां आता है, उसके मन में शहर को लेकर जो छवि बनती है, उसे ठीक नहीं कहा जा सकता है. उसके दिमाग में जलजमाव, सड़क पर घिसटती गाड़ियां, अतिक्रमण, जाम, प्रदूषण, अवैध बनते भवन और सड़क पर फैले कचरे की छवि […]

मुजफ्फरपुर के मच्छरपुर के नाम से पुकारते हैं बाहर के लोग. जो एक बार यहां आता है, उसके मन में शहर को लेकर जो छवि बनती है, उसे ठीक नहीं कहा जा सकता है. उसके दिमाग में जलजमाव, सड़क पर घिसटती गाड़ियां, अतिक्रमण, जाम, प्रदूषण, अवैध बनते भवन और सड़क पर फैले कचरे की छवि ही उभरती है. शहर में पार्किग, ऑटो स्टैंड जैसी सुविधाओं का घोर अभाव है. शहर में रहने वाले करीब साढ़े पांच लाख लोग दिन इन परेशानियों से दो-चार होते हैं. ऐसे में स्मार्ट सिटी में मुजफ्फरपुर शहर को भी शामिल कर उम्मीद की थोड़ी किरण दिखायी है.

मुजफ्फरपुर: केंद्रीय कैबिनेट से शहर को ‘स्मार्ट सिटी’ बनाने की मंजूरी तो मिल गयी है, लेकिन शहर स्मार्ट तब बनेगा. जब राज्य सरकार के पास लंबित शहर विस्तार के प्रस्ताव को मंजूरी मिलेगी. पुराना शहर से हट कर एक नया शहर बसाना है. शहर में बिल्डिंग बायलॉज के मानकों के अनुरू प मकानों का निर्माण करना है. लोगों की हर छोटी-छोटी मूलभूत सुविधाओं का ख्याल रखना है. इसके अलावा ट्रांसपोर्ट, जलापूर्ति, सीवरेज, साफ-सफाई, कचरा प्रबंधन आदि चीजों का शत प्रतिशत व्यवस्था करना है, लेकिन शहर की पहले से जो संरचना व व्यवस्था बनी है. वह अनियोजित है. 70-80 फीसदी मकान अनियोजित तरीके से बने है. निगम से नक्शा पास है. उसके विपरित मकानों का निर्माण किया गया है, जहां आने-जाने का सकरा रास्ता नहीं है. साथ ही जलापूर्ति, सीवरेज व कचरा-प्रबंधन आदि की व्यवस्था अब तक नहीं हुई है.

सुविधाओं से लैस हाइटेक होगा शहर . स्मार्ट सिटी बनाने के लिए शहर की सड़कों को सबसे पहले ठीक करना होगा, ताकि यातायात की व्यवस्था सुलभ व सुगम हो. बारिश में शहर में पानी नहीं लगे. इसके लिए प्लानिंग के तहत नाला निर्माण करना होगा. शहर किनारे बसे फुटपाथी दुकानदारों को स्थायी तौर पर फुटपाथ जोन बना उसे बसाना होगा. शहर को अतिक्रमण मुक्त बना सड़क किनारे साफ-सफाई कर ग्रीन एरिया में विकसित करना होगा. बिजली, पानी, इंटरनेट जैसे आम सुविधाएं भी शहर में रहने वाले लोगों को उपलब्ध कराना होगा. इन चीजों को चुस्त-दुरुस्त करने के लिए केंद्र सरकार से प्रत्येक वर्ष न्यूनतम एक अरब रुपये मिलेंगे.

जितना बेहतर प्रोजेक्ट उतनी अधिक राशि

‘स्मार्ट सिटी’ में शहर को शामिल होने के बाद केद्र सरकार प्रत्येक वर्ष एक अरब रुपये तो देगी ही, लेकिन जितना बेहतर प्रोजेक्ट नगर निगम बना सरकार के पास भेजेगा. उतना ज्यादा राशि मिलेगी. नगर आयुक्त हिमांशु शर्मा बताते हैं कि शहर स्मार्ट सिटी बनने का जो मापदंड है. उसे पूरा करता है, लेकिन शहर जिस तरह से अव्यवस्थित तरीके से बसा है. यहां की जो वर्तमान व्यवस्था है. इसे ठीक कर स्मार्ट बनाने में काफी परेशानी होगी. बावजूद शहर को सेक्टर में बांट-बांट कर विकास किया जा सकता है. इसके लिए शहर का सौंदर्यीकरण करने वाली बड़ी-बड़ी एजेंसियों से संपर्क कर अच्छे-अच्छे प्रोजेक्ट तैयार कराने होंगे. क्योंकि, स्मार्ट सिटी का दर्जा मिलने के बाद बेहतर प्रोजेक्टर पर ही किसी राज्य व शहर को राशि मिलता है. जो निगम के लिए चैलेंजेबुल होगा.

ये इलाके भी होंगे शामिल

कांटी के दादर कोल्हुआ, पैंगबरपुर, सदातपुर कांटी, बैरिया, फतेहपुर मुरफादापुर, चैनपुर, सिकंदरपुर का पूरा इलाका, चकगाजी, शहबाजपुर स्लेम, मुरादपुर दल्लाह, अहियापुर, गणोशपुर, शेखपुर, अखाड़ाघाट, नाजिरपुर, चंदवारा, चकमोहब्बतपुर, बाड़ा जगन्नाथ, राघोपुर, मझौली धर्मदास, शेरपुर, नारायणपुर अनंत, कच्चीपक्की, रतवारा, तीन कोठिया, रोहुआ आपोछ, धनहर छपड़ा, बढ़नपुरा, भगवानपुर, गोबरसही, पताही, डुमरी, दामोदरपुर, मझौली खेतल, बारमतपुर, खबड़ा, रामदयालुनगर, भिखनपुरा, भिखनपुर डीह, काजी, शाहजहांपुर.

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