किस वार्ड में कितने जजर्र व खतरनाक भवन हैं जो किसी प्राकृतिक आपदा को बर्दाश्त करने की क्षमता नहीं रखते हैं, ऐसे भवनों की सूची तैयार करने को कहा गया है. इसकी सूची मिलने के बाद निगम के इंजीनियर बारी-बारी से स्पॉट पर पहुंच भवनों की जांच करेंगे. इसके बाद नगर पालिका एक्ट के तहत भवन की स्थिति देखते हुए उसकी मरम्मत या तोड़ कर नये सिरे से बनाने का निर्देश दिया जायेगा.
Advertisement
जजर्र भवनों का सव्रे कर निगम करेगा कार्रवाई
मुजफ्फरपुर: ताबड़तोड़ भूकंप के झटकों से शहर के लोगों के साथ-साथ नगर निगम भी सतर्क है. शहर में सालों पुरानी जजर्र भवनों का खतरा महसूस करते हुए नगर निगम अब वैसे भवनों को तोड़ने या नये सिरे से मरम्मत कराने का निर्देश जारी कर सकता है. इसको लेकर निगम शहर में पुरानी व जजर्र हो […]
मुजफ्फरपुर: ताबड़तोड़ भूकंप के झटकों से शहर के लोगों के साथ-साथ नगर निगम भी सतर्क है. शहर में सालों पुरानी जजर्र भवनों का खतरा महसूस करते हुए नगर निगम अब वैसे भवनों को तोड़ने या नये सिरे से मरम्मत कराने का निर्देश जारी कर सकता है. इसको लेकर निगम शहर में पुरानी व जजर्र हो चुकी भवनों की सूची तैयार करने की तैयारी में है. निगम ने एमआरडीए कर्मचारी के साथ-साथ सभी अंचल निरीक्षक व वार्ड तहसीलदारों को अलर्ट कर दिया है.
टावर लगे मकानों का भी सव्रे. शहर के जजर्र भवनों के साथ टावर लगे मकानों का भी सव्रे होगा. आमगोला में मकान पर लगे टावर के झुकने के बाद निगम जजर्र भवन पर टावर लगाने वाली कंपनी के साथ-साथ मकान मालिकों के खिलाफ सख्ती बरतने की तैयारी में है. नगर आयुक्त हिमांशु शर्मा जल्द ही इंजीनियरों की बैठक बुलाकर ऐसे मकानों मालिकों व टावर कंपनी के खिलाफ ठोस फैसला ले सकते हैं. बता दें कि शहर में कुल 198 अलग-अलग मोबाइल कंपनियों के टावर लगे हैं. इनमें से करीब डेढ़ सौ ऐसे टावर हैं जिनका नगर निगम से एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) नहीं लिया गया है. एक भी टावर का निगम से रजिस्ट्रेशन नहीं है. इसको लेकर निगम व टावर कंपनियों के बीच हाइकोर्ट में केस चल रही है.
भूकंपरोधी मकान का नक्शा ही पास होगा
नये बिल्डिंग बायलॉज 2014 के लागू होने के साथ शहर में जैसे-तैसे बनने वाले मकानों के निर्माण पर रोक लग जायेगी. भूकंपरोधी नक्शा पास होने के साथ-साथ आसपास में मकान की ऊंचाई के अनुसार जगह छोड़ने का प्रावधान है. ताकि, भूकंप या अन्य किसी तरह की प्राकृतिक आपदा के वक्त लोग मकान से निकल सड़क पर खुद को सुरक्षित महसूस कर सकें. इसके अलावा कई ऐसे नियम बनाये गये हैं, जो आने वाले समय में घनी बस्ती के बाद भी शहर को सुव्यवस्थित व सुरक्षित कर सकता है. आर्किटेक्ट विपुल कुमार बताते हैं कि पहले से जो बिल्डिंग बायलॉज लागू है, उसमें भी शहरी इलाके में बनने वाले मकानों को लेकर कड़े नियम हैं, लेकिन नगर निगम आज तक उसका सही से पालन नहीं करा सका है. पास नक्शा के विपरित बने मकानों के खिलाफ अबतक कोई कार्रवाई नहीं हुई है.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement