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मेडिकल में अब भी है भूकंप का खौफ
मुजफ्फरपुर: भूकंप का खौफ तीसरे दिन भी मेडिकल कॉलेज के मरीजों के बीच देखने को मिला. खास कर प्रसव एवं स्त्री रोग विभाग के वार्ड नंबर ग्यारह और कान, नाक, लगा विभाग के वार्ड नंबर बारह में सोमवार को भी वीरानगी छायी रही. अपराह्न् तक एक ओर जहां ग्यारह नंबर वार्ड में भरती 107 मरीजों […]
मुजफ्फरपुर: भूकंप का खौफ तीसरे दिन भी मेडिकल कॉलेज के मरीजों के बीच देखने को मिला. खास कर प्रसव एवं स्त्री रोग विभाग के वार्ड नंबर ग्यारह और कान, नाक, लगा विभाग के वार्ड नंबर बारह में सोमवार को भी वीरानगी छायी रही. अपराह्न् तक एक ओर जहां ग्यारह नंबर वार्ड में भरती 107 मरीजों में से बेड पर केवल पांच मरीज ही मौजूद थी. वहीं बारह नंबर वार्ड में भरती 25 मरीजों की जगह मात्र सात मरीज थे. वहीं ओपीडी में इलाज कराने वाले मरीजों की संख्या भी अन्य दिनों की अपेक्षा आधी दिखी. चिकित्सकों ने भी माना कि लोगों में दहशत है. इसलिए मरीजों की संख्या कम हो गयी है.
968 मरीजों का हुआ रजिस्ट्रेशन. एसकेएमसीएच में प्रतिदिन नये मरीजों के आने का औसत आंकड़ा करीब पंद्रह सौ है. लेकिन भूकंप की घटना ने मरीजों की संख्या पर भी प्रभाव डाला है. सोमवार को प्राय: पंद्रह सौ से दो हजार मरीजों की भीड़ होती है. मगर, 968 नये मरीजों का रजिस्ट्रेशन हुआ. जबकि शनिवार की ओपीडी में केवल 558 मरीज आये थे. सोमवार को कुल 81 मरीज ही भरती किये गये.
एक दर्जन मरीजों का हुआ ऑपरेशन. मेडिकल में प्रतिदिन होने वाले ऑपरेशनों की संख्या भी कम हो गयी. बताया जाता है कि प्रसव एवं स्त्री रोग विभाग में मात्र छह मरीजों का ऑपरेशन हुआ. जबकि अकेले इस विभाग में हर दिन डेढ़ से दो दर्जन मरीजों का ऑपरेशन होता है. यही हाल ओटी व सीओटी का रहा. दोनों जगह मिला कर कुल छह मरीजों का ऑपरेशन बताया गया.
मेडिसिन विभाग में 452 मरीजों का इलाज. एसकेएमसीएच के सर्वाधिक भीड़-भाड़ वाला ओपीडी मेडिसिन विभाग में कुल मिला कर सोमवार को 452 मरीजों का इलाज हुआ. इसमें 256 महिला ओपीडी में तथा 196 पुरुष ओपीडी में मरीज देखे गये. मेडिसिन विभाग के वरीय चिकित्सक डॉ अकील अहमद मुमताज के मुताबिक यहां दोनों ओपीडी में औसत एक हजार से अधिक मरीज प्रतिदिन देखे जाते हैं.
पीआइसीयू में लौटे दो मरीज. पीआइसीयू से रविवार को भागे चार मरीजों में दो सोमवार को वापस लौट आये. उसमें शिवाईपट्टी के कोदरिया निवासी मनोज कुमार की पुत्री डेढ़ वर्षीया अंशु कुमारी और मधुबन कोइलहरा मठ के कृष्णा राम की पुत्री चार वर्षीया रिंकी कुमारी का नाम शामिल है. जबकि 18 अप्रैल को भरती मीनापुर के बैजू पासवान का तीन वर्षीय पुत्र विकास कुमार और 20 अप्रैल को भरती रतमनिया के नंद किशोर राम की 12 वर्षीया पुत्री नीशू कुमारी नहीं लौटी. शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ जीएस सहनी ने बताया कि भय से दोनों भाग गया है.
दस वार्डो में लौटे मरीज
एसकेएमसीएच के 11 व 12 नंबर वार्डो को छोड़ सभी दसों वार्डो में मरीज अपनी-अपनी जगह लौट आये. पुन: पहले जैसी स्थिति उत्पन्न हो गयी. एक से लेकर दस नंबर वार्ड तक कुछ मरीजों को छोड़ ज्यादातर मरीज अपने-अपने बेड पर दिखे. वहीं बरामदे भी भरे हुए थे.
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