मुजफ्फरपुर. नेपाल में भूकंप के बाद फंसे भारतीय को लाने के लिए सोमवार से नि:शुल्क बस सेवा शुरू होगी. इसके लिए रक्सौल बॉर्डर पर दस बसें तैयार रहेंगी. बस नेपाल के पोखरा तक जायेगी. यात्री बस को स्कॉर्ट (पुलिस सुरक्षा) के साथ नेपाल से लाया जायेगा. रविवार को प्रमंडलीय आयुक्त अतुल प्रसाद ने आला अधिकारियों के साथ भूकंप के बाद की हालात की समीक्षा के बाद यह जानकारी दी.
बैठक में आइजी पारसनाथ, डीएम अनुपम कुमार, एसएसपी रंजीत मिश्र, नगर आयुक्त हिमांशु शर्मा व आयुक्त के सचिव मिनेंद्र के साथ बिहार मोटर फडरेशन के अध्यक्ष उदय शंकर प्रसाद सिंह भी मौजूद थे. आयुक्त ने बताया कि बिहार ट्रांसपोर्ट फेडरेशन की ओर से फंसे लोगों को नि:शुल्क बस से लाने का प्रस्ताव दिया है. इसके अलावा राज्य ट्रांसपोर्ट की बसों को लोगों को लाने के लिए निर्देश दिया गया है. उन्होंने कहा कि प्रशासन हर स्थिति पर पैनी नजर रखे हुए है.
क्षतिग्रस्त छात्रवास होंगे खाली. भूकंप से क्षतिग्रस्त सरकारी भवन, छात्रवास का निरीक्षण करने का निर्देश दिया गया है. आवश्यकता होने पर छात्रवास को खाली भी कराया जायेगा. वहीं पथ निर्माण के अभियंताओं को पुल-पुलिया का निरीक्षण कर युद्धस्तर पर मरम्मत कार्य शुरू करने के आदेश दिया गया है. जो पुल-पुलिया अधिक क्षतिग्रस्त हो गये हैं, उन पर भारी वाहन के परिचालन पर रोक लगाने की बात भी कही गयी है. प्रमंडल अंतर्गत सभी जिले के जिलाधिकारी को घायल लोगों के इलाज व बेघर के बीच राहत वितरण के निर्देश दिये गये हैं. आयुक्त ने कहा कि अबतक के आकलन के अनुसार भूकंप से प्रमंडल में 23 लोगों की मौत हो चुकी है. इसमें सीतामढ़ी में छह, बेतिया में दो, शिवहर में तीन, मुजफ्फरपुर में एक, वैशाली में 10 व मोतिहारी के तीन लोग शामिल हैं. इसी तरह कुल घायलों की संख्या 60 के करीब है.
कर्नाटक के 400 लोग फंसे. नेपाल में कर्नाटक के 400 यात्री फंसे हैं. इनको रक्सौल होते हुए पटना लाया जायेगा.आयुक्त ने कहा कि कर्नाटक के यात्री को लाने की भी व्यवस्था की जा रही है. नेपाल प्रशासन से समन्वय बना कर भूकंप में फंसे लोगों को भारत लाने की पहल कर दी गयी है.
अफवाह से बचें. लोगों को अफवाह से बचने का आगाह करते हुए हुए आयुक्त ने कहा, कुछ शरारती लोग भय का वातावरण पैदा करते हैं. इन बातों पर ध्यान के बदले को खुद को अलर्ट रखें. प्रशासन हर तरह से लोगों के सहायता के लिए तैयार है.