सैकड़ों की संख्या में लोगों के बीमार होने के कारण शाम तक गांव में मातम सा माहौल था. अधिकांश लोगों के घर में चूल्हा तक नहीं जला. इधर, विषाक्त प्रसाद खाने से इसी गांव के छह लोग एसकेएमसीएच में भरती किये गये. सभी खतरे से बाहर है.
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माधोपुर गांव में पसरा रहा सन्नाटा, नहीं जला चूल्हा
हथौड़ी (मुजफ्फरपुर): हथौड़ी क्षेत्र के नरकटिया पंचायत के माधोपुर गांव में बुधवार को सन्नाटा पसरा रहा. गांव के करीब 300 लोगों का इलाज एसकेएमसीएच व बोचहां पीएचसी में चल रहा था. ये सभी लखिंद्र ठाकुर के यहां मंगलवार को कारिख बाबा की पूजा का विषाक्त प्रसाद खाने से बीमार हुए थे. मरीज के साथ उनके […]
हथौड़ी (मुजफ्फरपुर): हथौड़ी क्षेत्र के नरकटिया पंचायत के माधोपुर गांव में बुधवार को सन्नाटा पसरा रहा. गांव के करीब 300 लोगों का इलाज एसकेएमसीएच व बोचहां पीएचसी में चल रहा था. ये सभी लखिंद्र ठाकुर के यहां मंगलवार को कारिख बाबा की पूजा का विषाक्त प्रसाद खाने से बीमार हुए थे. मरीज के साथ उनके परिजनों के साथ होने के कारण पूरा गांव खाली था. कई घरों में ताला लटका था. कुछ घरों में एक-दो लोग ही थे, वे भी घबराये हुए थे.
पुलिस हिरासत में लखिंद्र ठाकुर व उनका पुत्र
बोचहां थाना प्रभारी बालेश्वर यादव ने पूजा कराने वाले लखिंद्र ठाकुर व उनके पुत्र प्रेम ठाकुर को हिरासत में ले लिया है. लखिंद्र का कहना है कि भगवान कारिख का प्रसाद बनाने में शुद्धता का पूरा ख्याल रखा गया. बागवान से कच्च केला खरीदा था. उसको कार्बाइड देकर पकाया गया था. चावल को धो कर गांव में ही आटा चक्की से पिसवाया गया था. फिर शुद्ध गाय के दूध में उसको पका कर लड्डू (कसार) बनाया गया था. भगवान जाने क्या गलती हो गयी. यह समझ में नहीं आ रहा है. थानाध्यक्ष श्री यादव ने कहा कि वरीय अधिकारियों के दिशा निर्देश का इंतजार है. उनके निर्देश पर ही कारवाई की जायेगी.
एक भी बच्च नहीं पहुंचा स्कूल
गांव का सरकारी विद्यालय सुबह में खुला, लेकिन एक भी बच्चा स्कूल नहीं पहुंचा. कुछ देर इंतजार करने के बाद प्रधानाध्यापक प्राद राय गांव में पीड़ित लोगों का जायजा लेने पहुंचे. उन्होंने कई परिवारों में जाकर बच्चों व उसके परिजनों का हाल चाल लिया. उधर, बोचहां पीएचसी प्रभारी भी डॉक्टरों की टीम के साथ गांव में प्रत्येक घरों का मुआयना किया, जिन्हें थोड़ी सी भी तकलीफ थी, उनका चेकअप कर दवा दी गयी.
एसकेएमसीएच में भरती 173 मरीजों की छुट्टी. प्रसाद खाने से बीमार हुए एसकेएमसीएच में भरती 173 मरीजों को बुधवार की शाम चेकअप कर उनकी छुट्टी कर दी गयी. शाम के बाद मरीज अपने घर लौटने लगे. हालांकि बुधवार की सुबह तक कई मरीजों की स्थिति गंभीर बनी हुई थी, लेकिन डॉक्टरों की टीम ने लगातार मरीजों की मॉनिटरिंग कर बीमारी को कंट्रोल कर लिया. एसकेएमसीएच अधीक्षक डॉ जीके ठाकुर इलाज की कमान खुद संभाले हुए थे.
वे लगातार मरीजों के इलाज का जायजा लेते रहे.
35 डॉक्टरों की लगी थी टीम
प्रसाद खाने से बीमार लोगों के इलाज में 35 डॉक्टरों की टीम जुटी थी. शिशु रोग विभागाध्यक्ष डॉ अरविंद कुमार, डॉ ब्रजमोहन, डॉ अकील अहमद मुमताज, डॉ गोपाल शंकर सहनी, डॉ राजेश कुमार सिंह, डॉ सतीश कुमार, डॉ शैलेंद्र कुमार, डॉ जेपी मंडल, डॉ एसएन मिश्र सहित जूनियर डॉक्टरों की टीम व नर्सिग स्टाफ पूरी रात लोगों के इलाज में लगे हुए थे.
छह नये मरीज किये गये भरती
विषाक्त प्रसाद खाने से इसी गांव के छह लोग एसकेएमसीएच में भरती किये गये. सभी की स्थिति खतरे से बाहर है. भरती होने वाले में ललन शर्मा की छह वर्षीय पुत्री रागिनी रानी, चार वर्षीय पुत्र अंकित, कमल ठाकुर की 13 वर्षीया पुत्री आरती कुमार व तीन वर्षीय पुत्र कालू, रंजीत शर्मा की पांच वर्षीया पुत्री रागिनी व शत्रुघA सहनी का आठ वर्षीय पुत्र अजीत शामिल है. एसकेएमसीएच में सभी का इलाज किया जा रहा है.
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