मुजफ्फरपुर: बीआरए बिहार विवि में प्रभारी कुलपति को लेकर जारी कयास पर शनिवार की देर रात विराम लग गया. राजभवन ने नये कुलपति की नियुक्ति तक डॉ रवि वर्मा को उनके पद पर बनाये रखने का फैसला लिया है. यही नहीं, प्रतिकुलपति डॉ राजेंद्र मिश्र भी अपने पद पर बने रहेंगे. इस संबंध में देर रात विवि को राजभवन का फैक्स मिला. जिसमें सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में दोनों अधिकारियों को उनके पद पर बनाये रखने की बात अंकित है. यह जानकारी कुलसचिव डॉ विवेकानंद शुक्ला ने दी.
डॉ वर्मा शनिवार को 65 वर्ष पूरा करने के साथ ही प्रोफेसर पद से सेवानिवृत्त हो गये. ऐसे में कयास लगाये जा रहे थे कि उनके बाद विवि के सबसे वरीय शिक्षक होने के कारण डॉ मिश्र को नया प्रभारी कुलपति नियुक्त किया जा सकता है. हालांकि, सूबे के छह विवि के कुलपति की नियुक्ति को अवैध बताते हुए सुप्रीम कोर्ट की दो सदस्यीय खंडपीठ ने नये नियमावली के तहत नये स्थायी कुलपति की नियुक्ति तक इन विश्वविद्यालयों में कार्य कर रहे कुलपति व प्रतिकुलपति को बनाये रखने का आदेश जारी किया था.
शुरू हुआ बधाइयों का सिलसिला
राजभवन से फैक्स आने की सूचना के साथ ही डॉ रवि वर्मा को बधाई देने का सिलसिला शुरू हो गया. देर रात बधाई देने वालों में प्रतिकुलपति डॉ राजेंद्र मिश्र, कुलसचिव डॉ विवेकानंद शुक्ला, कुलानुशासक डॉ अजय कुमार श्रीवास्तव, वित्त परामर्शी डॉ जीसीएल श्रीवास्तव, वित्त अधिकारी डॉ जेपीएन सिंह, परीक्षा नियंत्रक डॉ अरुण कुमार सिंह, अध्यक्ष छात्र कल्याण डॉ एनके सिंह, विकास अधिकारी डॉ विपिन कुमार राय, कॉलेज निरीक्षक डॉ राजेंद्र प्रसाद महतो, आरडीएस कॉलेज प्राचार्य डॉ अमरेंद्र नारायण यादव, पूर्व विकास अधिकारी डॉ कल्याण कुमार झा, अर्थशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ कृष्ण मोहन प्रसाद, पूर्व प्रतिकुलपति डॉ वीरेंद्र कुमार सिंह, बुस्टा महासचिव डॉ अरुण कुमार सिंह, डॉ वाइकेपी सिन्हा, डॉ शिवानंद सिंह, सीनेटर हरेंद्र कुमार, डॉ त्रिविक्रम नारायण सिंह, डॉ मंजू सिन्हा, डॉ भोजनंदन प्रसाद सिंह, विवि कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष घनानंद मिश्र, सचिव फतेह बहादुर सिंह सहित अन्य अधिकारी व शिक्षकगण शामिल थे.