इसी मामले में तीन अन्य कर्मचारियों का भी तबादला किया गया है. अमरेश कुमार को अकाउंट सेक्शन से हटा कर दूरस्थ शिक्षा निदेशालय, मनोज चक्रवर्ती को पेंशन सेक्शन से हटा कर सेंट्रल लाइब्रेरी व आनंद कुमार को अकाउंट सेक्शन से हटा कर विवि कॉमर्स विभाग भेज दिया गया है.रुद्रशंकर सिंह से लीगल सेक्शन की जिम्मेदारी वापस ले ली गयी है. वे अब सिर्फ एकेडमिक सेक्शन का काम देखेंगे. मामला सेवानिवृत्त शिक्षक डॉ कैलाश प्रसाद सिंह के बकाया भुगतान से जुड़ा है.
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बीआरए विवि: विधि अधिकारी समेत तीन का तबादला
मुजफ्फरपुर: बीआरए बिहार विवि में हाइकोर्ट से जुड़े एक मामले के निष्पादन में लापरवाही व देरी के कारण कुलपति डॉ पंडित पलांडे ने कड़ा रू ख अपनाते हुए विधि अधिकारी-2 डॉ आरएन ओझा को उनके पद से हटा दिया है. यही नहीं, उन्हें विवि अर्थशास्त्र विभाग से स्थानांतरित कर आरडीएस कॉलेज भेज दिया गया है. […]
मुजफ्फरपुर: बीआरए बिहार विवि में हाइकोर्ट से जुड़े एक मामले के निष्पादन में लापरवाही व देरी के कारण कुलपति डॉ पंडित पलांडे ने कड़ा रू ख अपनाते हुए विधि अधिकारी-2 डॉ आरएन ओझा को उनके पद से हटा दिया है. यही नहीं, उन्हें विवि अर्थशास्त्र विभाग से स्थानांतरित कर आरडीएस कॉलेज भेज दिया गया है.
सेवानिवृत्ति के बावजूद उन्हें एमएस कॉलेज मोतिहारी में किये गये कार्य का बकाया भुगतान नहीं हुआ. इसके विरुद्ध वे हाइकोर्ट में चले गये. सुनवाई के बाद जनवरी 2013 में हाइकोर्ट ने उनके दावे को सही पाते हुए विवि को एक माह के भीतर भुगतान का निर्देश दिया. लेकिन संचिकाओं के निष्पादन में देरी के कारण विवि ने मई 2013 में 1.48 लाख रुपये का चेक जारी किया. यह चेक एमएस कॉलेज मोतिहारी भेज दिया गया, लेकिन यह डॉ सिंह को नहीं मिला. मामले को गंभीरता से लेते हुए हाइकोर्ट ने मामले में कुलपति डॉ पंडित पलांडे को फटकार लगायी व उन्हें आठ मई को खुद कोर्ट में उपस्थित होकर अपना पक्ष रखने का आदेश दिया है. कुलपति ने चेक मिलने के बावजूद डॉ कैलाश प्रसाद सिंह को नहीं उपलब्ध कराने के मामले में एमएस कॉलेज मोतिहारी के प्राचार्य डॉ उपेंद्र कुंवर से भी जवाब-तलब का आदेश दिया है.
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