वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुरगन्ने में पायरीला कीट का हमला होने के बाद अधिकारी व कृषि विभाग सकते में है. शुक्रवार को पौधा संरक्षण विभाग के सहायक निदेशक देवनाथ प्रसाद ने मोतीपुर प्रखंड के कई गांवों में जाकर गन्ना की जांच की. सहायक निदेशक ने पाया कि पौधों पर गन्ना का मिठास यानी रस चूस रहा है. हालांकि इसकी मात्रा अधिक नहीं है. सभी स्थानों पर अलग अलग संख्या में कीट पौधों पर चिपका हुआ है. इसकी मात्रा बेतिया,मोतिहारी व गोपालगंज के कुचायकोट प्रखंड में काफी अधिक है. सहायक निदेशक श्री प्रसाद ने बताया कि किसानों को इस रोग के कीट से निदान के लिए उपचार बता दिया गया है. हालांकि कीट अब वयस्क हो रहा है. फिर भी गन्ना का रस चूसने में लगा हुआ है. उन्होंने बताया कि अभी मौसम ही ऐसा है कि अंडा काफी जल्द लार्वा में बदल रहा है. किसानों को गन्ना के पौधों पर दो प्रकार की दवा छिड़काव करनी है. किसान डायक्लोरोभॉस एक मिलीलीटर एक लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें. या इमिडाक्लोरोपिड 78 एसएल एक मिलीलीटर प्रति तीन लीटर पानी में छिड़काव करें. इससे इस कीट के अंडे व लार्वा समाप्त हो जायेंगे. साथ ही नये कीट पौधे को नुकसान नहीं करेंगे.
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मोतीपुर में हुई जांच, गन्ना में मिला पायरीला
वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुरगन्ने में पायरीला कीट का हमला होने के बाद अधिकारी व कृषि विभाग सकते में है. शुक्रवार को पौधा संरक्षण विभाग के सहायक निदेशक देवनाथ प्रसाद ने मोतीपुर प्रखंड के कई गांवों में जाकर गन्ना की जांच की. सहायक निदेशक ने पाया कि पौधों पर गन्ना का मिठास यानी रस चूस रहा है. […]
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