नन्हकार में प्रहार के साथ आजाद हिंद फौज के विरोध में वह कई बैठक कर चुका है. आरके सिंह ने बताया कि हरिजन छात्रवास में वह आजाद हिंद फौज के विरोध में मीटिंग की थी. इसलिए फौज किशोरी की हत्या कर प्रहार को भी चुनौती दिया गया है. प्रहार अब किसी निदरेष की हत्या करवाता है तो प्रहार के परिवार का सफाया कर दिया जायेगा.
आरके सिंह ने बताया कि गुड्ड सिंह की हत्या के विरोध में ही नन्हकार में दो नक्सलियों की हत्या की गयी थी. हालांकि की गुड्ड सिंह फौज का सदस्य नहीं था, लेकिन समर्थक था. गुड्ड के साथ मुखिया सजीवन महतो व नंदकिशोर सिंह को भी गोली लगी थी. किशोरी की हत्या के लिये आजाद हिंद फौज के उपाध्यक्ष लाल बिहारी के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया था. हत्या में मुख्य भूमिका ज्वाला सिंह ने निभाया है.