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भानु को जमानत देने का जेजे बोर्ड का फैसला सही

मुजफ्फरपुर: शुभम हत्याकांड में भानु को जुबेनाइल मान कर जमानत देने के जेजे बोर्ड के फैसले को एडीजे (दस) तरुण कुमार सिन्हा ने सही मानते हुए मनोज कुमार सिंह की ओर से दायर क्रिमिनल केस को महत्व विहिन बताते हुए बरखास्त कर दिया है. भानु की ओर से नाबालिग होने के प्रस्तुत किये प्रमाण पत्र […]

मुजफ्फरपुर: शुभम हत्याकांड में भानु को जुबेनाइल मान कर जमानत देने के जेजे बोर्ड के फैसले को एडीजे (दस) तरुण कुमार सिन्हा ने सही मानते हुए मनोज कुमार सिंह की ओर से दायर क्रिमिनल केस को महत्व विहिन बताते हुए बरखास्त कर दिया है. भानु की ओर से नाबालिग होने के प्रस्तुत किये प्रमाण पत्र पर ही उसे जुबेनाइल माना गया.

फैसले में बताया गया है कि अगर जेजे बोर्ड की बैठक नहीं होती है तो सिंगल मेंबर के समक्ष भी जुबेनाइल को उपस्थित किया जा सकता है. सिंगल मेंबर केस के फाइनल डिस्पोजल पर ऑर्डर नहीं कर सकते. इसके अलावा सभी प्रकार के उपयुक्त ऑर्डर को पास कर सकते है. बोर्ड के अगली बैठक में उस ऑर्डर की पुष्टि कराना है.

यह थी आपत्ति
भानु की जमानत याचिका पर जेजे बोर्ड ने सुनवाई करते हुए 27 सितंबर 2014 को उसे नाबालिग मानते हुए जमानत पर रिहा करने का ऑर्डर दिया था. इस फैसले के विरोध में शुभम के पिता मनोज कुमार सिंह ने कोर्ट में क्रिमिनल अपील दायर किया था. जिसे एडीजे दस की कोर्ट में सुनवाई के लिए भेजा गया. अपील में बताया गया था कि जेजे बोर्ड की सिंगल मेंबर अर्चना अनुपम भानु को जुबेनाइल घोषित करने व उसे जमानत देने के लिए सक्षम प्राधिकारी नहीं है. क्रिमिनल अपील में इस बात पर भी अंगुली उठायी गयी थी कि जेजे बोर्ड की मेंबर ने एक ही दिन में बिना गहराई से छानबीन किये ही भानु को नाबालिग मान लिया. साथ ही उसे जमानत देने का आदेश दिया. यह गैरकानूनी है. यहीं नहीं, नाबालिग घोषित करने में मेडिकल बोर्ड की राय नहीं ली गयी.
यह था मामला
मिठनपुरा थाना क्षेत्र के चकबासु निवासी मनोज कुमार सिंह के 17 साल का पुत्र शुभम 11 वीं कक्षा का सेंट जेवियर स्कूल का छात्र था. स्कूल के बाद वह प्राइवेट टयूशन पढ़ता था. मस्जिद चौक के पास अजीत कुमार सिंह से अंगरेजी, पंजाबी कॉलोनी में राज कोचिंग में अर्थ शास्त्र व ज्ञानेश्वर कोचिंग में एकाउंट पढ़ता था. 26 अगस्त को वह दोपहर दो बजे अजीत सर के कोचिंग से निकल कर भानु के साथ स्कूटी से निकला था. रात आठ बजे तक घर नहीं लौटने पर परिजनों को चिंता हुई. उसका मोबाइल स्वीच ऑफ था. भानु से पूछताछ में पता चला कि वह चार बजे ही उसे ईदगाह के पास छोड़ कर घर चला आया. देर रात मिठनपुरा थाने में उसके अपहरण की प्राथमिकी दर्ज करायी गयी. मिठनपुरा पुलिस के दो पुलिस कर्मी के साथ शुभम के दोस्तों के घर जाकर छानबीन की गयी. अगले दिन मुशहरी थाना क्षेत्र के रघुनाथपुर लीच बगान में एक लाश मिलने की सूचना मिली. परिजनों ने वहां जाकर देखा तो वह शुभम की लाश थी, उसके शरीर पर चाकू व कैंची के निशान थे. पास ही बीयर की बोतल, चाकू व कैंची पड़े हुए थे. प्राथमिकी में शुभम के मित्र भानु, अंकित, सत्यम, लिटिल सहित अन्य पर संदेह जताया गया. छानबीन के बाद पुलिस ने भानु, अंकित व मोनू उर्फ शाहिद पर के खिलाफ चाजर्शीट दायर की गयी.

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