इस दौरान वहां तैनात मेडिकल के सुरक्षा गार्ड तमाशबीन बने रहे. हालांकि बाद में मौके पर पहुंची पुलिस ने दुकानदार को हिरासत में ले लिया. वहीं, मारपीट में शामिल दुकानदार का बेटा फरार है. जानकारी के मुताबिक, करजा की रहनेवाली महिला को इलाज के लिए एसकेएमसीएच में भरती कराया गया था. सुबह के समय महिला के परिजन जूठा बरतन धोने के लिए वार्ड चार के नल पर पहुंचे.
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मेडिकल में जूठा धोने पर तीन को पीट कर घायल किया
मुजफ्फरपुर: एसकेएमसीएच के वार्ड नंबर चार के नल पर जूठा धोने को लेकर हुई मारपीट में तीन लोग जख्मी हो गये. घायल लोग मरीज के परिजन हैं, जिसे इलाज के लिए मेडिकल में भरती कराया गया था. जूठा धोने का विरोध पास के दुकानदार ने किया था, नहीं मानने पर मरीज के परिजनों पर हमला […]
मुजफ्फरपुर: एसकेएमसीएच के वार्ड नंबर चार के नल पर जूठा धोने को लेकर हुई मारपीट में तीन लोग जख्मी हो गये. घायल लोग मरीज के परिजन हैं, जिसे इलाज के लिए मेडिकल में भरती कराया गया था. जूठा धोने का विरोध पास के दुकानदार ने किया था, नहीं मानने पर मरीज के परिजनों पर हमला कर दिया था.
इसी दौरान पास में चाय की दुकान चलानेवाले रामदेव सहनी ने जूठा धोने का विरोध किया, तो महिला के परिजन नहीं माने. इस पर रामदेव ने उसे थप्पड़ मार दिया. इसके बाद महिला के परिजन ने भी विरोध किया और मारपीट शुरू कर दी, लेकिन रामदेव सहनी ने उसे पीट कर जख्मी कर दिया. घटना सुबह लगभग साढ़े सात बजे के आसपास घटी. इस दौरान पास में मौजूद मेडिकल के सुरक्षा गार्ड तमाशबीन बने रहे. मामले की सूचना आसपास के मरीजों के परिजनों ने पुलिस को दे दी. मौके पर पहुंची पुलिस ने रामदेव सहनी को हिरासत में ले लिया, लेकिन मामले में पीड़ित महिला व उसके परिजनों ने पुलिस से किसी तरह की शिकायत नहीं की, न ही अपना नाम बताया. इसी बीच महिला को देखने के लिए करजा में रहनेवाले उसके परिचित राजेश राम व मंजू देवी पहुंच गये. आरोपित रामदेव सहनी के बेटे संतोष ने उसके साथ मारपीट शुरू कर दी. दोनों को पीट कर जख्मी कर दिया. संतोष इस बात से नाराज था कि उसके पिता को पुलिस ने पकड़ लिया. इसकी वजह मरीज व उसके परिजन हैं. इस बार सुरक्षा गार्डो ने सक्रियता दिखायी और मामले को शांत कराया. इसी बीच मौका पाकर संतोष फरार हो गया.
नाम कटवा मरीज को ले गये
मारपीट की घटना से मरीज व उसके परिजन भयभीत हो गये. उन लोगों ने आनन-फानन में मेडिकल से नाम कटवाया और वहां से रवाना हो गये. मरीज के बारे में जब मेडिकल प्रशासन से जानकारी लेने की कोशिश की गयी, तो जानकारी देने से इनकार कर दिया गया. आसपास भरती मरीज भी उसका नाम नहीं बता सके. इन लोगों का कहना था कि मारपीट की घटना के बाद से वो लोग काफी डरे हुये थे.
देर शाम हटी चाय की दुकान
मारपीट की घटना के बाद रामदेव सहनी उर्फ गुटकू सहनी की चाय की दुकान भी हट गयी है. दोपहर में जब पुलिस रामदेव को पकड़ कर ले गयी, तभी से रामदेव के परिजनों ने चाय की दुकान से सामान हटाना शुरू कर दिया था. शाम तक चाय की दुकान का सारा सामान मेडिकल से हटा लिया गया.
किसके आदेश से लगती हैं दुकानें
वार्ड नंबर चार के पास मारपीट की घटना से मरीज व उनके परिजन सहमे हुये थे. ये लोग आपस में बात कर रहे थे कि मेडिकल के अंदर दुकान कैसे लगती है. आखिर इसके लिए आदेश कौन देता है, जो मरीजों के लिए बने वार्डो के पास ही बेतरतीब तरीके से आम लोग चाय-नाश्ता व पान मसाला की दुकान चलाते हैं.
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