परीक्षा का सिलसिला खत्म हुआ तो कॉपियों का मूल्यांकन कार्य शुरू हो गया. परीक्षा बोर्ड ने पहली बार स्नातक की सभी कॉपियों का केंद्रीकृत मूल्यांकन विवि में ही कराने का फैसला लिया. इसके कारण अधिकांश शिक्षक कॉपियों की जांच में व्यस्त हो गये. नैक मूल्यांकन की तैयारी के तहत विवि प्रशासन सिलेबस को छोटा कर चालू सत्र की परीक्षाएं लेने की योजना बना रही है. यदि ऐसा होता है तो सत्र 2014-15 में स्नातक की अब एक भी कक्षा नहीं होगी. अब सवाल उठता है कि क्या छात्रों का सिलेबस पूरा हुआ! यदि नहीं हुआ तो इसकी भरपाई कौन करगा?
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बीआरए बिहार विवि: नियम 180 का, 74 दिन चली कक्षा
मुजफ्फरपुर: पूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णण कमेटी ने उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए कुछ सुझाव दिये थे. इसमें एक सुझाव साल में न्यूनतम 180 दिन कक्षा संचालित करना भी था. लेकिन बीआरए बिहार विवि का हाल यह है कि यहां साल में 180 दिन तो छोड़िये 80 दिन भी कक्षाएं संचालित नहीं […]
मुजफ्फरपुर: पूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णण कमेटी ने उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए कुछ सुझाव दिये थे. इसमें एक सुझाव साल में न्यूनतम 180 दिन कक्षा संचालित करना भी था. लेकिन बीआरए बिहार विवि का हाल यह है कि यहां साल में 180 दिन तो छोड़िये 80 दिन भी कक्षाएं संचालित नहीं होती. सत्र 2014-15 में स्नातक की कक्षाएं महज 74 दिन चली. बावजूद सत्र में देरी एक बड़ी समस्या है, जो चिंता का विषय है. पर शायद अधिकारियों को इसकी चिंता नहीं.
दरअसल बीते साल अध्यक्ष छात्र कल्याण ने स्नातक पार्ट वन, टू व थ्री की कक्षा एक अगस्त से शुरू करने का आदेश दिया था. कई कॉलेजों में इसके बाद कक्षाएं शुरू हुई. बीते साल विभिन्न विवादों के कारण स्नातक की परीक्षाएं अप्रैल-मई के बजाये नवंबर में शुरू हुई. 20 नवंबर से पार्ट टू की परीक्षा के साथ इसकी शुरुआत हुई. तो दिसंबर में पार्ट वन व पार्ट थ्री की परीक्षा भी शुरू हुई जो जनवरी तक जारी रही. ये परीक्षाएं अंगीभूत व संबद्ध कॉलेजों में हुई. इसके कारण 20 नवंबर के बाद से सत्र 2014-15 की स्नातक की कक्षाएं इसके बाद सस्पेंड रही.
112 में 38 दिन रही छुट्टी
यदि छात्र कल्याण कार्यालय की ओर से जारी कक्षा शुरू करने की तिथि को ही आधार मान लिया जाये तो एक अगस्त से 20 नवंबर (पार्ट टू की परीक्षा शुरू होने तक) कुल 112 दिन होते हैं. इसमें से 26 दिन विभिन्न पर्व-त्योहारों आदि के कारण विवि आधिकारिक रू प से बंद रहा. इस अवधि में कुल सोलह रविवार थे. आधिकारिक छुट्टी में से चार दिन रविवार को थे. ऐसे में 112 दिनों में कुल छुट्टियों की संख्या 38 थी. यानी कुल 74 दिन ही ऐसे थे, जिसमें कक्षाएं चल सकती थी.
यह सच है कि छात्रों को नुकसान हो रहा है. पर सत्र पहले से ही काफी लेट रहे हैं. इसमें सुधार के लिए पहल जारी है. इसमें थोड़ा वक्त लगेगा. इसके लिए कुछ ठोस निर्णय लिये जा सकते हैं.
डॉ अजय कुमार श्रीवास्तव,
कुलानुशासक
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