मुजफ्फरपुर: धान के बदले चावल नहीं देने के मामले में बीएसएफसी ने दो बड़े बकायेदार के खिलाफ आर्थिक अपराध इकाई पटना में मंगलवार को मामला दर्ज कराया गया. इसमें जिला के कुढ़नी स्थित मॉडर्न राइस मिल व मोतिहारी स्थित रिपुराज राइस मिल है. मॉडर्न राइस मिल पर करीब 21 करोड़ व रिपुराज राइस मिल पर करीब छह करोड़ रुपये का बकाया है.
इस संबंध में बीएसएफसी प्रबंधक आशुतोष कुमार ने बताया कि इन दोनों के ऊपर वर्ष 2011-12 का बकाया था. जिसको लेकर इन दोनों के ऊपर स्थानीय थाने में एफआइआर दर्ज कराया गया था. इसके बाद भी इन्होंने पैसा नहीं जमा किया. सरकार का सख्त निर्देश है कि सभी बकाया की वसूली करनी है. ऐसे में 5 करोड़ से अधिक बकाया रखने वाले मिलरों के ऊपर आर्थिक अपराध में मामला दर्ज कराया जायेगा. वर्ष 12-13 के 25 मिलरों पर 39 करोड़ 7 लाख 25 हजार 518 रुपया बकाया, जिनके ऊपर डीएम ने एफआइआर करने का निर्देश दिया है.
इस निर्देश के बाद इसमें तीन मिलरों ने करीब 89 लाख रुपये जमा कराये हैं. शेष बचे 22 में से 15 मिलरों ने फोन कर पैसा जमा करने की मोहलत मांगी है. 15 अप्रैल तक ही समय मिलरों को दिया जायेगा. इसके बाद सभी बकाया रखने वाले मिलरों पर प्राथामिकी दर्ज कराई जायेगी. 2013-14 पर तीन मिलर पर करीब 40 लाख का बकाया है. चालू वित्तीय वर्ष 14-15 में दस मिलरों ने धान के बदले 22-23 प्रतिशत चावल एडवांस दिया है.
तीस अप्रैल तक समय दे प्रशासन
डीएम द्वारा कार्रवाई का निर्देश दिये जाने के बाद राइस मिलर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष राम कुमार झा के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल ने मंगलवार को डीएम से भेंटकर बकाया पैसा जमा करने के लिए 30 अप्रैल तक की मोहलत मांगी थी. श्री झा ने बताया कि पिछले वित्तीय वर्ष में मिलरों को चार माह देरी से धान मिला और दिसंबर तक मिलता रहा. वहीं कई मिलरों को भींगा धान मिला जिसका चावल लेने से एफसीआइ ने मना कर दिया. हम पैसा देने को तैयार है थोड़ा समय चाहिए.
वहीं जो धान उपलब्ध कराया गया उसका चावल हमसे ले. जिस तरह खराब धान की निलामी सरकार ने कराई उसी प्रकार हमारे पास पड़े हुए चावल की निलामी कर सरकार पैसा ले.