फोटो :: विवि का लोगोमुजफ्फरपुर.स्नातक पार्ट थर्ड के जीएस की कॉपी जांच के लिए परीक्षक नियुक्ति में व्यापक पैमाने पर गड़बड़ी की शिकायत करने वाले रामनारायण यादव सोमवार को प्रतिकुलपति डॉ प्रभा किरण के समक्ष उपस्थित हुए और अपने आरोप को दोहराया. उन्होंने कहा, नियमों के तहत संबद्ध कॉलेजों के वैसे लोगों को ही शिक्षक माना जाता है, जिन्हें सरकार से प्राप्त अनुदान की राशि में से हिस्सा मिलता है. लेकिन वैशाली, बगहा व मुजफ्फरपुर के कुछ संबद्ध कॉलेजों से ऐसे शिक्षकों को भी परीक्षक बना दिया गया, जो अनुदान की राशि नहीं पाते हैं. यही नहीं कुछ कॉलेजों से काफी संख्या में शिक्षक परीक्षक बनाये गये हैं. वहीं कुछ कॉलेजों से एक भी शिक्षक परीक्षक नहीं हैं. ऐसा पीक एंड चूज की नीति नहीं तो क्या है? उन्होंने खुद को छद्म होने पर भी आपत्ति जतायी व अपना ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आइडीकार्ड सहित अन्य प्रमाण पत्र साक्ष्य के रू प में प्रस्तुत किये. उन्होंने कहा, मैडम, मैं छद्म नहीं, परीक्ष फरजी हैं. आप मामले की जांच करें. गौरतलब है कि रामनारायण यादव ने गत 17 मार्च को आवेदन देकर फरजी परीक्षक बहाल करने की शिकायत की थी. इस मामले में उन्हें छह अप्रैल को साक्ष्य के साथ प्रस्तुत होने का निर्देश दिया गया था.
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मैं छद्म नहीं, परीक्षक हैं फरजी, जांच करें
फोटो :: विवि का लोगोमुजफ्फरपुर.स्नातक पार्ट थर्ड के जीएस की कॉपी जांच के लिए परीक्षक नियुक्ति में व्यापक पैमाने पर गड़बड़ी की शिकायत करने वाले रामनारायण यादव सोमवार को प्रतिकुलपति डॉ प्रभा किरण के समक्ष उपस्थित हुए और अपने आरोप को दोहराया. उन्होंने कहा, नियमों के तहत संबद्ध कॉलेजों के वैसे लोगों को ही शिक्षक […]
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