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केंद्रीय कारा के सीसीटीवी कैमरे खराब, सुरक्षा पर खतरा

– सीसीटीवी कैमरे, स्कैनर व मेटल डिटेक्टर एक माह से अधिक समय से खराब पड़े हैं – बेलट्रॉन कंपनी ने कैमरे के रखरखाव से हाथ खड़े किये- कोर्ट से आने के बाद कैदियों की हाथ से होती है तलाशी मुजफ्फरपुर. शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय कारा में लगे सीसीटीवी कैमरों के खराब होने से कैदियों पर […]

– सीसीटीवी कैमरे, स्कैनर व मेटल डिटेक्टर एक माह से अधिक समय से खराब पड़े हैं – बेलट्रॉन कंपनी ने कैमरे के रखरखाव से हाथ खड़े किये- कोर्ट से आने के बाद कैदियों की हाथ से होती है तलाशी मुजफ्फरपुर. शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय कारा में लगे सीसीटीवी कैमरों के खराब होने से कैदियों पर पूरी तरह नजर रखना मुश्किल हो गया है. इसके अलावा जेल में लगे स्कैनर व मेटल डिटेक्टर भी खराब पड़े हैं. आलम यह है कि कैदियों की हर गतिविधि पर सुरक्षाकर्मी नजर रख रहे हैं. कोर्ट से आने के बाद सुरक्षाकर्मी कैदियों की हाथ से तलाशी लेने व उनके सामान को ऊपर से देखने के बाद जेल के अंदर प्रवेश करा रहे हैं. सीसीटीवी कैमरा, स्कैनर व मेटल डिटेक्टर एक माह से अधिक समय से खराब पड़ा है. बेलट्रॉन ने रखरखाव से हाथ खड़े कियेसूबे के जेलों में सीसीटीवी कैमरों का रखरखाव करने वाली बेलट्रॉन कंपनी ने देखरेख से अपने हाथ खड़े कर दिये हैं. इससे जेल की सुरक्षा भगवान भरोसे है. केंद्रीय जेल अधीक्षक ई जितेंद्र कुमार ने कैमरे, मेटल डिटेक्टर व स्कैनर के खराब होने की जानकारी जिलाधिकारी व जेल मुख्यालय को दे दी है. सूत्रों की मानें तो सीसीटीवी कैमरे काफी पुराने हैं. इस कारण ये बराबर खराब हो रहे हैं. आउटडेटेड हो चुके हैं सीसीटीवी कैमरे जेल में लगे ज्यादातर सीसीटीवी कैमरे वर्ष 1992 में लगाये गये थे. जेल में कुल 25 कैमरे लगे हैं. इनसे कैदियों के वार्ड व मुलाकाती पर नजर रखी जा रही है. इन 25 कैमरों में से महज छह कैमरे ही कार्य कर रहे हैं. बाकी कैमरे खराब हैं. वर्ष 2014 में जेल में लगे इन कैमरों की जांच के बाद इन्हें आउटडेटेड मानते हुए नये कैमरे खरीदने की सिफारिश की गयी थी.

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