फोटो :: दीपक- भाजपा अनुसूचित मोरचा ने समाहरणालय में दिया धरना- मांझी के 34 फैसलों के वापस लेने के राज्य सरकार के फैसले का किया विरोधसंवाददाता, मुजफ्फरपुरजीतन राम मांझी बिहार के विकास के लिए काम कर रहे थे. लेकिन नीतीश कुमार व लालू प्रसाद को यह गंवारा नहीं गुजरा. महादलितों को भाई बताने वाले इन दोनों नेताओं ने गंठजोड़ कर मांझी को न सिर्फ मुख्यमंत्री के पद से हटाया, बल्कि उनके द्वारा लिये गये 34 फैसलों को भी निरस्त कर दिया. यह उनके दोहरे चरित्र को दर्शाता है. यह बातें भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ अरविंद कुमार सिंह ने कही. वे बुधवार को भाजपा अनुसूचित मोरचा के तत्वावधान में समाहरणालय परिसर में आयोजित धरना को संबोधित कर रहे थे. अध्यक्षता मोरचा के जिलाध्यक्ष मनोज कुमार चौधरी ने की. धरना को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने राज्य सरकार में अनुसूचित जाति कोटे के रिक्त पदों को अविलंब भरने, दलित-महादलित के प्रत्येक परिवार को पांच डिसमिल जमीन देने, बीपीएल में नाम जोड़ने, 60 वर्ष से ऊपर के सभी सदस्यों को वृद्धा पेंशन देने सहित अन्य मांगे रखी. धरना के बाद मोरचा की ओर से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पंद्रह सूत्री मांगों का एक ज्ञापन भी भेजा गया. मौके पर भाजपा नेता विंदेश्वर पासवान, लक्ष्मण पासवान, हरि किशोर बैठा, योगेंद्र राम, मणिभूषण राम, मुकेश कुमार राम, मनीष कुमार, गीता राम, बेबी कुमारी, बालकृष्ण, राजदेव पासवान, चंदेश्वर राम, राजू रजक सहित अन्य लोग मौजूद थे.
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मांझी प्रकरण से नीतीश-लालू का दोहरा चरित्र उजागर : डॉ अरविंद सिंह
फोटो :: दीपक- भाजपा अनुसूचित मोरचा ने समाहरणालय में दिया धरना- मांझी के 34 फैसलों के वापस लेने के राज्य सरकार के फैसले का किया विरोधसंवाददाता, मुजफ्फरपुरजीतन राम मांझी बिहार के विकास के लिए काम कर रहे थे. लेकिन नीतीश कुमार व लालू प्रसाद को यह गंवारा नहीं गुजरा. महादलितों को भाई बताने वाले इन […]
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