मुजफ्फरपुर: बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के हजारों छात्रों का भविष्य खतरा में है. छात्रों का नामांकन व परीक्षा फॉर्म दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के नाम पर भरा जाता है, लेकिन उन्हें अंक पत्र दूरस्थ शिक्षा केंद्र के नाम दिया जा रहा है.
इसके कारण कभी भी बीआरए बिहार विवि से निर्गत होने वाले दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के छात्रों के अंक पत्र पर सवाल उठ सकता है. वहीं इसके अंक पत्र व सर्टिफिकेट के आधार पर नौकरी करने वाले छात्रों की नौकरी खतरा में पड़ सकती है. मंगलवार को दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के निदेशक डॉ गणोश कुमार के आदेश पर प्रशासनिक ऑफिसर ललन कुमार ने इसकी शिकायत बीआरए बिहार विवि के वीसी डॉ रवि वर्मा व प्रति कुलपति डॉ राजेंद्र मिश्र से की है.
निदेशालय के अधिकारियों का कहना है कि दूरस्थ शिक्षा केंद्र का नाम वर्ष 2011 में ही बदल गया, लेकिन आज तक विवि पुराने नाम पर ही छात्रों का अंक पत्र व सर्टिफिकेट निर्गत कर रहा है. इससे कभी भी छात्रों का सर्टिफिकेट को कोई फर्जी घोषित कर देगा. इसके कारण स्नातक व पीजी पास करने के बाद भी छात्रों का भविष्य खतरा में पड़ सकता है.
बता दें कि निदेशालय ने नाम बदलने की जानकारी विवि के परीक्षा विभाग को कई बार पत्र भेज व मौखिक रूप से दे चुका है, फिर भी परीक्षा विभाग इस मामले को लेकर चुप्पी साधे हुए है.