मुजफ्फरपुर: एक हजार के जगह सूबे को दो हजार मेगावाट बिजली उपलब्ध हो रही है. इस स्थिति में 18 घंटे क्यों उपभोक्ताओं को 24 घंटे बिजली सुनिश्चित की जाये. निर्बाध आपूर्ति के लिए अभियंता फीडर की लगातार मॉनीटरिंग करें. फॉल्ट को दुरुस्त कराने में लापरवाही नहीं होनी चाहिए .
यह निर्देश मुख्य सचिव अशोक कुमार सिंह ने मंगलवार को बिजली की समीक्षा के दौरान विभाग के अभियंताओं को दिया. कलेक्ट्रेट स्थित एनआइसी भवन में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई समीक्षा में बताया गया कि जजर्र सिस्टम के कारण बिजली उपलब्ध होते हुए भी लोगों को बिजली नहीं मिल पाती है. शट डाउन व ब्रेक डाउन में फीडर के रहने से लोग बिजली पानी के समस्या जूझते रहते है. पिछले महीने जले 19 ट्रांसफॉर्मर पर नाराजगी जाहिर करते हुए रख- रखाव सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये. क्षमता बढ़ाने के बजाये अतिरिक्त ट्रांसफॉर्मर लगाया जाये, ताकि जलने की स्थिति में कम से कम आबादी को बिजली पानी की समस्या का सामना करना पड़े. उधर, निजी एजेंसी ऐसेल को बिजली आपूर्ति सौंपने को लेकर भी चर्चा की गयी. नजी कंपनी ने सितंबर से बिजली टेक ओवर करने की बात कही है. समीक्षा के क्रम में डीएम अनुपम कुमार सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे.
राजस्व वसूली में लगायी छलांग
राजस्व वसूली में जिला ने इस बार लंबी छलांग लगायी है. बिजली विभाग ने पिछले रिकार्ड को पीछे छोड़ते हुए 19 करोड़ लक्ष्य के विरुद्ध करीब 16 करोड़ राजस्व वसूली है. यह निर्धारित लक्ष्य का 80 प्रतिशत है. इधर, राजस्व वसूली में बेहतर प्रदर्शन के लिए शहरी विद्युत प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता को प्रोत्साहन राशि देने की बात कही गयी. शहरी क्षेत्र में विगत महीने सात करोड़ 46 लाख राजस्व की वसूली हुई है.