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विवि से जारी पीजी के मार्कशीट होंगे अमान्य!

कुणाल, मुजफ्फरपुर बीआरए बिहार विवि में बिना राजभवन की मंजूरी के पीजी कोर्स के अंक पत्र के प्रारू प में बदलाव कर दिया है. इसके आधार पर सत्र 2011-13 के करीब आठ हजार छात्र-छात्रओं को औपबंधिक अंक पत्र भी जारी हो चुका है. सत्र 2012-14 व 2013-15 में विवि प्रशासन ने इसी आधार पर अंक […]

कुणाल, मुजफ्फरपुर
बीआरए बिहार विवि में बिना राजभवन की मंजूरी के पीजी कोर्स के अंक पत्र के प्रारू प में बदलाव कर दिया है. इसके आधार पर सत्र 2011-13 के करीब आठ हजार छात्र-छात्रओं को औपबंधिक अंक पत्र भी जारी हो चुका है. सत्र 2012-14 व 2013-15 में विवि प्रशासन ने इसी आधार पर अंक पत्र जारी करने का फैसला लिया है.
नियमों के तहत बिना राजभवन की मंजूरी के विवि प्रशासन को ऐसा करने का कोई अधिकार नहीं है. ऐसे में यदि राजभवन ने प्रारू प में इस बदलाव को मंजूरी नहीं दी तो विवि से इन तीनों सत्र में जारी किये गये करीब 25 हजार अंक पत्र पर अमान्य माने जाने का खतरा है.
विवि में कोई भी कोर्स शुरू करने से पूर्व राजभवन से रेगुलेशन पास कराना होता है. इसमें कोर्स में नामांकन की प्रक्रिया, फी स्ट्रक्चर, परीक्षा का प्रारू प शामिल होता है. यही नहीं, विवि की ओर से डिग्री जारी करने से पूर्व उसका प्रारू प राजभवन से पास होना भी जरू री है. विवि में सत्र 2011-13 के पीजी की परीक्षा सेमेस्टर सिस्टम के तहत हुई, लेकिन रेगुलेशन को मंजूरी नहीं मिलने के कारण सेमेस्टर की जगह रिजल्ट वार्षिक आधार पर निकाला गया.
इसके लिए पुराने रेगुलेशन को आधार बनाया गया है. पुराने रेगुलेशन में प्रीवियस व फाइनल परीक्षा का प्रावधान है जो एक वर्ष पर होता है. लेकिन परीक्षा विभाग की ओर से सत्र 2011-13 के करीब आठ हजार परीक्षार्थियों को जो औपबंधिक अंक पत्र दिया गया है, उसमें प्रीवियस की जगह प्रीवियस वन व टू एवं फाइनल की जगह फाइनल वन व टू का जिक्र है. इसके लिए राजभवन से मंजूरी भी नहीं ली गयी है.
पूर्व में विवि प्रशासन ने सत्र 2011 से 2013 तक सेमेस्टर सिस्टम के ट्रांजिट रेगुलेशन की मंजूरी का प्रयास किया था लेकिन राजभवन ने इससे इनकार कर दिया. तब विवि ने परीक्षा बोर्ड से प्रस्ताव पास करा कर सेमेस्टर सिस्टम में ली गयी परीक्षा का रिजल्ट पुराने रेगुलेशन के आधार पर निकालने का फैसला लिया.

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