मुजफ्फरपुर : छात्र जदयू नेता शमीम खान की हत्या के नामजद आरोपित अनिल ओझा एक दशक से ज्यादा समय से जिले के आपराधिक वारदातों में सक्रिय रहा है. लेकिन हत्या जैसे जघन्य वारदात को अंजाम देने के बाद भी वह पुलिस के नजरों से बचा रहा. मुजफ्फरपुर सहित दूसरे जिलों में भी उसके खिलाफ दो दर्जन से अधिक मामले दर्ज है, जिसमें हत्या, रंगदारी, धमकी जैसे गंभीर अपराध शामिल है. चर्चित तत्कालीन एएसपी दीपिका सूरी के पदस्थापना के समय भी वह जेल जा चुका है.
करीब तीन माह तक वह जेल में बंद था. बताया जाता है कि अनिल ओझा की स्टेशन रोड में लक्की वाइन सेंटर नाम से सरकारी विदेशी शराब की दुकान थी. उसके दुकान के बगल में ही एक अन्य दबंग की भी दुकान थी. अक्सर दोनों के बीच वर्चस्व को लेकर टकराव की स्थिति बनी रहती थी. एक दिन दोनों दुकानों के स्टाफ के बीच देर रात मारपीट की घटना के बाद अनिल ओझा दुकान पर पहुंच गया. उसने बियर की बोतल तोड़ कर दूसरे दुकान के स्टाफ पर हमला बोल दिया. इसी बीच तत्कालीन एएसपी दीपिका सूरी देर रात नगर थाने से अपने आवास लौट रही थी. स्टेशन रोड में सरेआम बियर की टूटी बोतल लेकर भागते अनिल को देख एएसपी ने उसे गिरफ्तार कर लिया था. उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर नगर पुलिस ने उसे जेल भेजा था.
कॉल डिटेल खंगाल रही है पुलिस
छह दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस को शमीम हत्याकांड में कोई ठोस सुराग हाथ नहीं लग पाया है. बताया जाता है कि पुलिस को कॉल डिटेल से भी कोई खास सफलता हाथ नहीं लगी है. उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस की नजर अब अनिल से बेहतर संबंध रखने वालों पर है. बताया जाता है कि विवि के कई कर्मचारी से अनिल की गहरी दोस्ती थी.
घटना के बाद वह कर्मचारी अनिल से मोबाइल पर लगातार संपर्क बनाये हुए था. हालांकि पुलिस कुछ भी खुलासा करने से परहेज कर रही है. इधर, जाइलो गाड़ी के संबंध में भी कुछ सुराग हाथ नहीं लग पाया है. उसकी गिरफ्तारी के लिए विशेष टीम विभिन्न जिलों में लगातार छापेमारी में जुटी है.
सारण पुलिस से साधा संपर्क
अनिल ओझा के साथ अक्सर रहने वाले गार्ड की तलाश में पुलिस जुटी है. वह सारण जिले का रहने वाला है. पुलिस सारण जिला से संपर्क कर गार्ड के बारे में जानकारी जुटाने में लगी है. वही तीन अज्ञात की पहचान होने के बाद पुलिस पूरे मामले को गुप्त रख रही है.
यह था मामला
गुरुवार की शाम पौने पांच बजे छात्र जदयू के नेता शमीम की चार सशस्त्र अपराधियों ने गोली मार कर हत्या कर दी थी. घटना को अंजाम देने के बाद अपराधी पैदल ही फरार हो गये थे. आक्रोशित छात्रों ने जम कर तोड़-फोड़ करते हुए चाय दुकान व गुमटी को जला दिया था. वही इस मामले में मृतक के पिता रहीम खान ने अनिल ओझा व राम कुमार को नामजद करते हुए प्राथमिकी दर्ज करायी थी.
पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 36 घंटे के अंदर कुर्की की प्रक्रिया को पूरा किया था. वही अनिल की गिरफ्तारी के लिए एसएसपी ने विशेष टीम बनायी है, जो विभिन्न जिलों में छापेमारी में जुटी है. यहां बता दें कि शनिवार को नगर डीएसपी के नेतृत्व में कई थानों की पुलिस ने अनिल ओझा के खबड़ा स्थित घर की कुर्की की थी. कुर्की के दौरान पुलिस ने वीडियोग्राफी करायी थी.