मुजफ्फरपुर: खादी ग्रामोद्योग के माध्यम से महात्मा गांधी ने देश में आर्थिक समृद्धि का सपना देखा था. उन सपनों को साकार करने के लिए केंद्र सरकार कृतसंकल्पित है और इस दिशा में कदम भी बढ़ा चुकी है. फिलहाल टेक्सटाइल इंडस्ट्री में खादी की हिस्सेदारी महज 0.4 प्रतिशत है. केंद्र सरकार का लक्ष्य इस हिस्सेदारी को […]
मुजफ्फरपुर: खादी ग्रामोद्योग के माध्यम से महात्मा गांधी ने देश में आर्थिक समृद्धि का सपना देखा था. उन सपनों को साकार करने के लिए केंद्र सरकार कृतसंकल्पित है और इस दिशा में कदम भी बढ़ा चुकी है. फिलहाल टेक्सटाइल इंडस्ट्री में खादी की हिस्सेदारी महज 0.4 प्रतिशत है. केंद्र सरकार का लक्ष्य इस हिस्सेदारी को बढ़ाने की है.
इसके लिए खादी को मनरेगा से जोड़ने की योजना है. इसके माध्यम से पांच करोड़ महिलाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे. इस रोजगार के माध्यम से लोगों को अधिक लाभ मिले, इसके लिए ‘सोलर चरखा’ के इस्तेमाल पर विचार किया जा रहा है. पायलट प्रोजेक्ट के रू प में नवादा में ऐसे सौ चरखों का उपयोग किया जा रहा है.
यदि यह सफल रहा तो सोलर चरखा का उपयोग मुजफ्फरपुर खादी ग्रामोद्योग सहित देश के अन्य खादी ग्रामोद्योग में भी किया जायेगा. यह बातें केंद्रीय राज्यमंत्री सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योग गिरिराज सिंह ने कही. वे सोमवार को निजी दौरे पर मुजफ्फरपुर आये हुए थे. उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के लोगों से कम-से-कम एक खादी वस्त्र धारण करने की अपील की थी. इसका लाभ भी हुआ है. फिलहाल खादी के कपड़ों की बिक्री में 125 प्रतिशत तक इजाफा हुआ है. फैशन के क्षेत्र में भी खादी की भागीदारी बढ़ी है.
मांझी के समर्थन पर विस में होगा फैसला
बिहार की राजनीति पर बोलते हुए गिरिराज सिंह ने कहा, 2010 में राज्य की जनता ने भाजपा-जदयू गंठबंधन को समर्थन दिया था. नीतीश कुमार ने नरेंद्र मोदी से मुलाकात न हो, इसके लिए मुख्यमंत्री का पद भी छोड़ दिया. यहां तक कि महादलित प्रेम दिखाने के लिए उन्होंने खुद जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री बना दिया. अब वे देश भर में घुम-घुम कर कह रहे हैं कि मांझी के पीछे भाजपा खड़ी है.