फोटो 27बीएसएमडी व केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय की ओर से तीन दिवसीय सांस्कृतिक महोत्सव का समापनअंतिम दिन शामे-ए-गजल का किया गया आयोजन, बेगम अख्तर को समर्पित रहा कार्यक्रमवरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर : बिहार स्कूल ऑफ म्यूजिक एंड ड्रामा व संस्कृति मंत्रालय की ओर से वीणा कंसर्ट में चल रहे सांस्कृतिक महोत्सव का अंतिम दिन प्रसिद्ध गायिका बेगम अख्तर के नाम रहा. इस मौके पर कोलकाता से आयी गायिका डॉ चैताली दत्ता ने कई गजलों व ठुमरी को प्रस्तुत कर लोगों को मुग्ध कर दिया. कार्यक्रम की शुरुआत बीएसएमडी की अध्यक्ष डॉ मुकुल बंद्योपाध्याय व निदेशक उत्पल कुमार ने दीप जला कर किया. संचालन करते हुए आचार्य चंद्र किशोर पराशर ने बेगम अख्तर की जीवन व व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला. उसके बाद डॉ दत्ता ने बेगम अख्तर की ठुमरी ‘हमरी अटरिया पर आओ सांवरिया’ से गायन की शुरुआत की. सधी आवाज में डॉ दत्ता की गायकी सुन श्रोताओं ने भरपूर तालियों से उन्हें नवाजा. इसके बाद उन्होंने मीर की गजल ‘उलटी हो गईं सब तदवीरें’ सुनाकर लोगों का मन मोहा. गजलों के दौर में ‘जरा धीरे से बोलो कोई सुन लेगा’ व ‘मोहब्बत तेरे अंजाम पे रोना आया’ भी श्रोताओं की ओर से काफी सराहे गये. उनके साथ हारमोनियम पर उस्ताद पन्ना खान, तबला पर उस्ताद प्यारे खान, परमानंद सिंह, आकाश कुमार व सारंगी पर जरियाब खान संगत कर रहे थे. कार्यक्रम में तनुप्रिया ने ‘मरीज-ए-मुहब्बत’, पंकज महाराज ने बस नाम रह गया मुहब्बत नहीं, संगीता पाठक ने ठुमरी व नंदिनी सिन्हा ने कई गीत सुना कर श्रोताओं की तालियां बटोरी. कार्यक्रम के दौरान विभिन्न प्रतियोगिता में विजयी प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया.
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गजलों के बोल से परवान चढ़ी चैताली की गायकी
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