कमेटी में कुलपति डॉ पंडित पलांडे, कुलसचिव डॉ विवेकानंद शुक्ला, सीसीडीसी डॉ तारण राय, राजेंद्र कृषि विवि के पूर्व कुलपति डॉ गोपालजी त्रिवेदी व ललित नारायण मिथिला विवि दरभंगा के इतिहास विभाग के पूर्व अध्यक्ष डॉ सीपीएन सिंह शामिल हैं. सीपीइ के लिए प्रस्ताव भेजने की आखिरी तारीख 15 फरवरी निर्धारित है. लेकिन इस दिन रविवार होने के कारण प्रस्ताव 16 फरवरी तक स्वीकार किये जायेंगे.
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सीपीइ के लिए भेजा तीन कॉलेजों का प्रस्ताव
मुजफ्फरपुर: बीआरए बिहार विवि के तीन कॉलेजों को एक साथ सीपीइ (कॉलेज विथ पोटेंसियल ऑफ एक्सिलेंस) का दर्जा हासिल हो सकता है. इसके लिए पहल शुरू हो गयी है. विवि प्रशासन ने शनिवार को तीनों कॉलेजों का प्रस्ताव यूजीसी को भेज दिया है. प्रस्ताव के साथ विवि की पांच सदस्यीय स्क्रीनिंग कमेटी की अनुशंसा भी […]
मुजफ्फरपुर: बीआरए बिहार विवि के तीन कॉलेजों को एक साथ सीपीइ (कॉलेज विथ पोटेंसियल ऑफ एक्सिलेंस) का दर्जा हासिल हो सकता है. इसके लिए पहल शुरू हो गयी है. विवि प्रशासन ने शनिवार को तीनों कॉलेजों का प्रस्ताव यूजीसी को भेज दिया है. प्रस्ताव के साथ विवि की पांच सदस्यीय स्क्रीनिंग कमेटी की अनुशंसा भी शामिल है, जो कॉलेजों में उपलब्ध सुविधाओं के आधार पर ग्रेडिंग के रू प में दी गयी है.
गौरतलब है कि यूजीसी ने प्रत्येक विवि से नैक मूल्यांकित अधिकतम आठ कॉलेजों के सीपीइ के लिए प्रस्ताव मांगा था. फिलहाल विवि में पांच कॉलेजों को ही नैक का ग्रेड हासिल है. इसमें एलएस, आरडीएस, एमडीडीएम, एमएस कॉलेज मोतिहारी व आरएन कॉलेज हाजीपुर शामिल हैं. आरएन कॉलेज हाजीपुर को अभी तक आधिकारिक रू प से ग्रेड हासिल होने का प्रमाण पत्र नहीं मिला है. वहीं एमएस कॉलेज मोतिहारी समय पर सीपीइ के लिए प्रस्ताव तैयार नहीं कर सका.
क्या है सीपीइ
यूजीसी ने दसवीं पंचवर्षीय योजना के तहत ‘कॉलेज विथ पोटेंशियल फॉर एक्सिलेंस (सीपीइ)’ स्कीम शुरू की. इसका उद्देश्य देश के चुनिंदा कॉलेजों में टीचिंग व रिसर्च में उच्च गुणवत्ता लाने के लिए ‘कॉलेज विथ पोटेंशियल फॉर एक्सिलेंस (सीपीइ)’ स्कीम की शुरुआत है. इसके तहत आयोग चयनित कॉलेज में आधारभूत संरचना सहित अन्य मूलभूत सुविधाओं के विकास के लिए अलग से फंड मुहैया कराता है. प्रथम फेज में चयनित कॉलेज को एक से डेढ़ करोड़ रुपये तक फंड दिया जाता है. यूजीसी का लक्ष्य इस साल देश में अधिकतम 200 कॉलेजों को सीपीइ का दर्जा देने का है.
क्या है प्रक्रिया
सीपीइ के लिए कोई भी सरकारी या अंगीभूत कॉलेज, जो कम-से-कम दस साल पुराना हो और उसे नैक का ‘बी’ ग्रेड हासिल हो, आवेदन कर सकता है. इसके लिए उसे यूजीसी की ओर से जारी परफॉर्मा में कॉलेज से संबंधित तमाम जानकारियां देनी होंगी. कॉलेज का प्रस्ताव संबंधित विवि की स्क्रीनिंग कमेटी से अनुशंसित होना जरू री है. बाद में उस प्रस्ताव को यूजीसी की स्टैंडिंग कमेटी में रखा जायेगा. उसमें पास होने के बाद यूजीसी की एक एक्सपर्ट कमेटी कॉलेज का निरीक्षण करेगी व प्रस्ताव में दिखायी गयी सुविधाओं की जांच करेगी. कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर कॉलेज को सीपीइ का दर्जा दिये जाने पर फैसला होगा. सीपीइ का दर्जा मिलने के बाद कॉलेज को जो फंड मुहैया करायी जायेगी, उसकी मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी कॉलेज की एक एडवाइजरी कमेटी को दिया जायेगा. सीपीइ का दर्जा कॉलेज को पांच साल के लिए दिया जाता है.
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