मुजफ्फरपुर: करीब एक दशक से बंद पड़ा कांटी थर्मल पावर से अगस्त के अंतिम सप्ताह से उत्पादन शुरू हो जायेगा. थर्मल पावर के यूनिट नंबर वन को चालू करने का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है. इस यूनिट के चालू हो जाने के बाद थर्मल पावर से 90 से 100 मेगावाट के बीच उत्पादन होगा. दूसरा यूनिट भी इसी माह में शुरू होने की संभावना जतायी जा रही है.
अप्रैल 1986 में चालू दो गुणा 100 मेगावाट का यह बिजली घर तकनीकी खराबी आ जाने से अक्तूबर 2003 में स्थायी रूप से बंद हो गया था. 2006 में एनटीपीसी के टेक ओवर करने के बाद टेस्टिंग के लिए दूसरे यूनिट को जनवरी 2008 में चालू किया गया, लेकिन नवंबर 2011 में यह यूनिट भी पूरी तरह से बैठ गया. इसके बाद से थर्मल पावर को फिर से चालू कराने के लिए जीर्णोद्धार का कार्य चल रहा है. इस दौरान प्लांट को कई बार लाइट अप करने की कोशिश की गयी. पिछले महीने 22 से 24 जुलाई के बीच एक नंबर को यूनिट को लाइट अप किया गया, लेकिन ट्रीपिंग के कारण उत्पादन शुरू नहीं हो पाया था.
मिलेगी फुल लोड बिजली
कांटी से उत्पादन शुरू होने से मुजफ्फरपुर के भीखनपुरा व एसकेएमसीएच, मोतिहारी, समस्तीपुर ग्रिड के थर्मल पावर से 132 केवी लाइन से जुड़े रहने के कारण विशेष लाभ मिलेगा. इसके साथ ही दरभंगा, गोपालगंज, बेगूसराय व कफेन को 220 केवीए की आपूर्ति कांटी थर्मल (एमटीपीएस) से होता है. इधर, थर्मल पावर के विस्तारीकरण का कार्य भी चल रहा है. 195 मेगावाट के दो अतिरिक्त यूनिट के भूमि अधिग्रहण के साथ कार्य शुरू हो गया है.
घटेगा ट्रांसमिशन लांस
लो वोल्टेज की समस्या से जूझ रहे उपभोक्ताओं को कांटी से उत्पादन शुरू होने पर इससे मुक्ति मिल जायेगी. वोल्टेज में काफी सुधार होगा. इसके साथ ही ट्रांसमिशन लॉस भी काफी कम जायेगा. मालूम हो कि दूरी थर्मल पावर से दूरी बढ़ने से 15 से 20 फीसदी तक ट्रांसमिशन लॉस हो जाता है.