मुजफ्फरपुर: लोगों के स्वास्थ्य की चिंता स्वास्थ्य विभाग को नहीं है. जिले में झोला छाप डॉक्टर व अमानक रूप से चल रहे सोनोग्राफी सेंटरों के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग ने अभियान बंद कर दिया है. पिछले चार महीनों से किसी भी सोनोग्राफी सेंटर की जांच नहीं हुई, जिन सोनोग्राफी सेंटरों को मानक के अनुसार सेंटर चलाने के लिए नोटिस दिया गया था, वहां भी विभाग की टीम ने जायजा नहीं लिया.
लोगों को शुद्घ खाद्य पदार्थ उपलब्ध कराने के लिये खाद्य सुरक्षा विभाग की ओर से रेस्टोरेंटों की ओर से चलाया गया अभियान भी चार रेस्टोरेंट की जांच के बाद आगे नहीं बढ़ा. जबकि शहर में कई रेस्टोरेंट बिना लाइसेंस के चल रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग की ओर से एक वर्ष पहले जिन झोलाझाप डॉक्टरों के यहां छापेमारी की गयी थी. उसका भी कोई नतीजा नहीं निकला. उनका क्लिनिक आज भी खुलेआम चल रहा है. जब कोई शिकायत करता है तो जांच का कोरम पूरा किया जाता है, लेकिन जांच के बाद कार्रवाई नहीं होती.
सीएस डॉ ज्ञान भूषण कहते हैं कि नये नर्सिग होम एक्ट के अनुसार उन्हें कोई निर्देश नहीं है. जब किसी डॉक्टर की डिग्री फर्जी होगी तभी उसके विरुद्ध कोई धारा लगायी जा सकती है. एक वर्ष पहले जांच के बाद रिपोर्ट तत्कालीन डीएम को भेज दिया गया था. खाद्य सुरक्षा अधिकारी राजेश कुमार कहते हैं कि उनके पास गाड़ी नहीं है. उनका कोई सहयोगी भी नहीं है. बिना पुलिस के वे जांच नहीं कर सकते. हालांकि वे शहर में जांच अभियान चलाने की योजना बना रहे हैं.