मुजफ्फरपुर: बीआरए बिहार विवि में तीन अधिकारियों को हटाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. पूर्व विकास अधिकारी डॉ विपिन कुमार राय की शिकायत पर हाइकोर्ट के न्यायाधीश मिहिर कुमार झा ने प्रभारी कुलपति डॉ रवि वर्मा को बुधवार को कोर्ट में तलब किया है. प्रभारी वीसी पर पर मनमाने तरीके से पद बांटने का आरोप है. इसी तरह के आरोप को लेकर कोर्ट ने 31 जुलाई को ही वीर कुंवर सिंह विवि व कामेश्वर सिंह संस्कृत विवि के कुलपतियों को भी कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया है. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने मामले की जांचनिगरानी से कराने के संकेत भी दिये हैं. इस मसले पर विचार विमर्श के लिए कोर्ट ने सरकार, महालेखा परीक्षक व निगरानी के वकील को भी विचार-विमर्श के लिए तलब किया है.
20 जुलाई को कुलपति डॉ रवि वर्मा के आदेश पर कुलानुशासक डॉ एके श्रीवास्तव की जगह डॉ अजय कुमार श्रीवास्तव, विकास अधिकारी डॉ विपिन कुमार राय की जगह डॉ कल्याण झा व सीसीडीसी डॉ विनोद प्रसाद सिंह की जगह डॉ कनू प्रिया की नियुक्ति की अधिसूचना जारी की गयी. निर्णय के विरोध में डॉ विपिन कुमार राय ने सोमवार को हाइकोर्ट में याचिका दायर की. इसमें उन्होंने कुलपति पर बिना सूचना दिये व बिना कारण बताये पद से हटा दिये जाने का आरोप लगाया.
उनके अनुसार राजभवन ने कुलपति को विवि में नयी नियुक्ति से एक माह पूर्व अनुमति लेने का निर्देश दिया था, लेकनि कुलपति ने अनुमति की प्रत्याशा में ही विवि में नई नियुक्तियां कर दी. ऐसा कर उन्होंने राजभवन के आदेश की भी अवहेलना की. न्यायाधीश मिहिर कुमार झा की अदालत में सोमवार को ही कामेश्वर सिंह संस्कृत विवि दरभंगा व वीर कुंवर सिंह विवि आरा में इसी तरह के मामले की सुनवाई होनी थी. डॉ राय के वकील ने एक तरह का मामला होने के कारण दोनों विवि के साथ इस मामले की सुनवाई की मांग की, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया.
सीसीडीसी की हो चुकी है वापसी
इससे पूर्व डॉ विनोद प्रसाद सिंह को सीसीडीसी के पद से हटाये जाने को लेकर भी काफी विवाद हुआ था. डॉ सिंह ने खुद को पद से हटाये जाने का संकेत मिलते ही राजभवन में इस पर विरोध जताया था. इसके बाद राजभवन ने कुलपति से दो बार उन्हें पद से हटाये जाने के कारणों के बारे में जानकारी मांगी. 20 जुलाई को दो अन्य अधिकारियों के साथ डॉ सिंह को भी सीसीडीसी के पद से हटा कर उनकी जगह डॉ कनू प्रिया को नियुक्त कर दिया गया. डॉ विपिन प्रसाद सिंह ने इसके खिलाफ फिर राजभवन में शिकायत दर्ज करायी. उनकी शिकायत पर राजभवन ने 26 जुलाई को उन्हें पद से हटाये जाने के निर्णय पर स्टे लगाते हुए विवि से रिपोर्ट तलब किया. राजभवन से रोक के बाद 26 जुलाई की देर शाम ही कुलपति के आदेश पर डॉ सिंह को दुबारा सीसीडीसी बनाये जाने की अधिसूचना जारी कर दी गयी.