मुजफ्फरपुर: सिकंदरपुर मोड़ के निकट शनिवार को पकड़े गये सात बाल मजदूर को उनके परिजनों के हवाले कर दिया गया है. सोमवार को बाल कल्याण समिति ने सुनवाई करते हुए नगर थानाध्यक्ष को दोनों बिचौलिये के खिलाफ प्राथमिकी का आदेश दिया है. वही दोनों के छोड़े जाने पर भी आपत्ति जतायी है. समिति के सदस्य अधिवक्ता सफदर अली ने बताया कि सातों बच्चे का बयान दर्ज किया गया है.
यह है मामला
शनिवार को नगर थाना क्षेत्र के सिकंदरपुर मोड़ के समीप ट्रैफिक सिपाही ने शक के आधार पर बाल मजदूरी के लिए बहला-फुसला कर ले जा रहे सात बच्चे को पकड़ा था. वही बच्चे के साथ दो लोगों को भी हिरासत में लिया गया था. पूछताछ में खुलासा हुआ था कि बाल मजदूरी के लिए सभी को दिल्ली ले जाया जा रहा था. सातों बच्चों को पुलिस ने बाल कल्याण समिति के हवाले कर दिया था.
उनकी उम्र 12 से 14 साल की थी. उनकी पहचान रुनीसैदपुर थाना क्षेत्र के श्रीसियां गांव निवासी गणोश सहनी का पुत्र सुजीत कुमार, सुरेंद्र कुमार व नागा कुमार, हरेंद्र सहनी के चंद्रकिशोर व उपेंद्र सहनी का रौशन कुमार, विकास व संजीत के रूप में हुई थी. बताया जाता है कि गांव का ही सुरेंद्र सहनी एक महिला की मदद से सभी को बाल मजदूरी के लिए दिल्ली लेकर जा रहा था.