तैयार किये जा रहे रोस्टर को बताया गलतरोस्टर तैयार करने वाले कर्मचारी पर लगाया भेद भाव का आरोपमुजफ्फरपुर : नगर निगम में 25-30 साल से दैनिक वेतन पर कार्यरत 177 कर्मचारियों के स्थायीकरण के लिए वर्ष 2002 में हाई कोर्ट ने भी आदेश जारी किया था. जिसके स्थायीकरण के लिए तैयार किये जा रहे रोस्टर को कर्मचारियों ने भेद भाव पूर्ण बताया व इस संबंध में शनिवार को कर्मचारियों का शिष्ट मंडल मेयर से मिल कर उन्हें अवगत कराया. मेयर वर्षा सिंह ने पुरानी फाइल के साथ अगले स्टैंडिंग की बैठक में प्रस्ताव रखने के लिए नगर आयुक्त को पत्र लिखा है. बताया जाता है कि हाइकोर्ट के आदेश के बाद भी स्थायीकरण नहीं होने पर कर्मचारियों ने वर्ष 2004-05 में दो माह तक हड़ताल किया था. नगर निगम के प्रथम मेयर समीर कुमार के समय भी निगम बोर्ड में स्थायीकरण का प्रस्ताव पास किया गया था. कर्मचारियों की मांग पर वर्तमान नगर आयुक्त हिमांशु शर्मा ने पेशकार आलोक वर्मा को रोस्टर तैयार करने का निर्देश दिया. तैयार किये जा रहे रोस्टर को दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को भेदभाव पूर्ण बताया. मास्टर रोेल कर्मचारी रविशंकर ठाकुर ने बताया कि आलोक वर्मा पहले से ही विवाद में रहे हैं. जिसके कारण उनकी सेवा समाप्त की गयी थी और वे जेल भी जा चुके हैं. ऐसे लोगों से रोस्टर तैयार नहीं कराया जाना चाहिए. मेयर से मिलने वाले शिष्ट मंडल में पूर्व नगर प्रशासक सह नगर निगम कर्मचारी संघ के राज्य इकाई महामंत्री उमेश्वर ठाकुर, नगर निगम कर्मचारी संघ के अध्यक्ष विजय कुमार, जिला सचिव सत्येंद्र सिंह, रविशंकर ठाकुर, दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी संघ के अध्यक्ष अरविंद कुमार व मनोज गुप्ता शामिल थे.
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स्थायीकरण को लेकर मेयर से मिला कर्मचारियों का शिष्ट मंडल
तैयार किये जा रहे रोस्टर को बताया गलतरोस्टर तैयार करने वाले कर्मचारी पर लगाया भेद भाव का आरोपमुजफ्फरपुर : नगर निगम में 25-30 साल से दैनिक वेतन पर कार्यरत 177 कर्मचारियों के स्थायीकरण के लिए वर्ष 2002 में हाई कोर्ट ने भी आदेश जारी किया था. जिसके स्थायीकरण के लिए तैयार किये जा रहे रोस्टर […]
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