मुरौल. तिरहुत कृषि महाविद्यालय ढोली के पौध स्वास्थ चिकित्सालय सभागार में बुधवार को अखिल भारतीय समन्वित कंदमूल अनुसंधान परियोजना के तत्वावधान में कंदमूल फस्लों पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला को संबोधित करते हुए सीआरपीटीजी केरला के कंदमूल परियोजना समन्वयक डॉ जेम्स जॉर्ज ने कहा कि कंदमूल फसलों के लिए बिहार की भूमि एवं जलवायू काफी उपयुक्त है. जरूरत है किसा वैज्ञानिक तकनीक से इसकी खेती करें. यहां के वैज्ञानिकों ने भी काफी बढि़या अनुसंधान किया है. वैज्ञानिक इन तकनीक को खेतों तक पहुंचायें. राजेंद्र कृषि विवि के कुलपति डॉ आरके मित्तल ने कहा कि कंदमूल फसलों का उत्पादन के साथ-साथ इस फसल को व्यवसाय के साथ जोड़ने से ही किसानों के बीच यह फसल प्रचलित हो सकेगा. मौके पर कंदमूल परियोजना ढोली केंद्र के समन्वयक वैज्ञानिक डॉ पीपी सिंह, प्राचार्य डॉ केएन पाठक, मत्स्यकी के प्राचार्य डॉ एससी राय, निदेशक बीज एसके वार्ष्णेय, डीन एजी डॉ रविंद्र प्रसाद, डॉ संजय सिंह, किसान अवध बिहारी ठाकुर, रामनवमी ठाकुर, सुधीर कुमार पांडेय आदि मौजूद थे. कुलपति व केरल के वैाानिकों ने प्रदर्शनी का मुआयान किया.
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मुरौल में कार्यशाला का आयोजन
मुरौल. तिरहुत कृषि महाविद्यालय ढोली के पौध स्वास्थ चिकित्सालय सभागार में बुधवार को अखिल भारतीय समन्वित कंदमूल अनुसंधान परियोजना के तत्वावधान में कंदमूल फस्लों पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला को संबोधित करते हुए सीआरपीटीजी केरला के कंदमूल परियोजना समन्वयक डॉ जेम्स जॉर्ज ने कहा कि कंदमूल फसलों के लिए बिहार की […]
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