मुजफ्फरपुर: सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद सात माह से लापता किशोरी को पुलिस ने बरामद कर लिया है. 10 जुलाई को सुनवाई के समय कोर्ट ने जिला पुलिस को चार हफ्ते का समय अपहृता की बरामदगी के लिए दिया था. कोर्ट के आदेश के बाद औराई पुलिस ने अपहर्ता के परिजनों पर बरामदगी के लिए दबाव डाला था. मंगलवार की शाम रोमा (काल्पनिक नाम) को बरामद कर लिया गया . आठ अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में रोमा को पेश करने का निर्देश दिया था.
क्या था मामला
औराई थाना क्षेत्र के शाही भलूरा निवासी अमीरी पासवान पेशे से मजदूर हैं. उनका बेटा जयलाल पासवान दिल्ली में रह कर मजदूरी करता है. उनकी पोती रोमा (काल्पनिक नाम) नौवीं कक्षा की छात्र थी. दिसंबर में वह शौच करने घर से निकली थी, लेकिन लौट कर नहीं आयी. काफी खोजबीन के बाद पता लगा कि गांव के ही मैट्रिक में पढ़ने वाला छात्र चंद्रदीप कुमार ने उसे बहला-फुसला कर अपहरण कर लिया है. इस बात की जानकारी मिलने के बाद उसने औराई थाना में 17 मार्च 2013 को पोती के अपहरण की जानकारी देते हुए प्राथमिकी दर्ज करने का आवेदन दिया, लेकिन तत्कालीन थानाध्यक्ष नीरज कुमार ने लापरवाही बरतते हुए प्राथमिकी दर्ज नहीं की.
एफआइआर नहीं होने पर जयलाल पासवान ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी बेटी की बरामदगी के लिए रिट दायर कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने प्राथमिकी दर्ज नहीं करने को गंभीरता से लेते हुए एसएसपी से सात जुलाई को जवाब तलब किया था. एसएसपी ने थानाध्यक्ष को निलंबित करते हुए अपहृता की बरामदगी के लिए विशेष टीम का गठन किया गया. 10 जुलाई की सुनवाई में कोर्ट ने चार हफ्ते का समय देते हुए अपहृता की बरामदगी करने का निर्देश दिया था.