मुजफ्फरपुर: बीआरए बिहार विवि में शैक्षणिक सत्र में देरी आम बात है. विवि प्रशासन के तमाम दावों के बावजूद यहां परीक्षाफल के लिए छात्र-छात्रओं को महीनों इंतजार करना पड़ता है. इससे न चाहते हुए भी छात्र-छात्राओं के शैक्षणिक प्रोफाइल में गैप खुद-ब-खुद हो जाता है. कुछ ऐसा ही हाल सत्र 2012 के लिए प्री पीएचडी टेस्ट दे चुके छात्रों का है. परीक्षा आयोजित होने के छह माह बाद भी छात्रों को इसके रिजल्ट का इंतजार है.
अधिकारियों की मानें तो इसके लिए छात्रों को अभी और इंतजार करना होगा. सत्र 2012 में शोध करने को इच्छुक छात्र-छात्राओं के लिए जनवरी के आखिरी सप्ताह में प्री पीएचडी टेस्ट का आयोजन किया गया.
इसमें करीब आठ हजार छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया था. परीक्षा खत्म होने के बाद काफी दिनों तक कॉपी विवि में पड़ी रही. बाद में तत्कालीन कुलपति डॉ प्रसून कुमार राय के समय कॉपियों को जांच के लिए बाहर भेजा गया. पर आज तक कॉपियों के मूल्यांकन का कार्य पूरा नहीं हो सका है. सूत्रों की मानें तो इसमें अभी और वक्त लग सकता है. हालांकि कितना समय लगेगा व देरी का कारण क्या है इस संबंध में अधिकारी कुछ भी बताने से बच रहे हैं.