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तीन सिम से मांगी थी फिरौती

मुजफ्फरपुर: स्कूल संचालक सह तेल व्यवसायी सत्य नारायण प्रसाद के अपहरण कांड में दस अक्तूबर को करोड़ों की फिरौती के लिए पहली कॉल की गयी थी. अपहर्ताओं ने संचालक के घर के मोबाइल नंबर 93345 42476 पर दस अक्तूबर से बारह अक्तूबर के बीच सात बार 7050244906 से करोड़ों की फिरौती की मांग की थी. […]

मुजफ्फरपुर: स्कूल संचालक सह तेल व्यवसायी सत्य नारायण प्रसाद के अपहरण कांड में दस अक्तूबर को करोड़ों की फिरौती के लिए पहली कॉल की गयी थी. अपहर्ताओं ने संचालक के घर के मोबाइल नंबर 93345 42476 पर दस अक्तूबर से बारह अक्तूबर के बीच सात बार 7050244906 से करोड़ों की फिरौती की मांग की थी.

फिरौती की कॉल के दौरान ही अपहर्ताओं ने पुलिस को बताने पर बुरा अंजाम भुगतने की चेतावनी दी थी. यहीं नहीं, पूरे घटनाक्रम के दौरान फिरौती मांगने में अपहर्ताओं ने तीन सिम का इस्तेमाल किया था. 10 नवंबर को स्कूल के प्राचार्य त्रिवेणी संगम के मोबाइल नंबर 9835489089 पर 7631790670 से पांच बार कॉल कर फिरौती के लिए धमकी दी गयी थी. प्राचार्य को भी अपहर्ताओं ने किसी को फिरौती की बात बताने पर जान से हाथ धोने की चेतावनी दी थी. घटना के बाद उनका मोबाइल बंद हो गया था. उसी मोबाइल में 8877339078 का प्रयोग भी अपहर्ताओं ने किया था. यह सिम वैनी ओपी के गंगापुर निवासी बिंदा देवी के नाम से जारी था.

समस्तीपुर से जारी हुए सिम
फिरौती के लिए इस्तेमाल की गयी तीनों सिम समस्तीपुर जिले से अलग-अलग दुकान से विभिन्न नाम-पते पर निकाले गये थे. पहला सिम समस्तीपुर के काशीपुर के जानू सिम सेंटर से खगड़िया जिले के मानसी थाना के मटिहानी निवासी प्रकाश ठाकुर के नाम से खरीदी गयी थी. छानबीन के दौरान प्रकाश नाम का कोई व्यक्ति उस गांव का नहीं निकला था. दूसरा सिम वैनी ओपी के राज पे फोन बूथ दुकान से ली गयी थी. इस मामले में पुलिस ने दीपक को पकड़ा था. सिम उसके मां बिंदु देवी के नाम से जारी किया गया था. वही तीसरा सिम पूसा के ताज मोबाइल पैलेस दुकान से सीतामढ़ी के मिश्री लाल चौधरी के नाम पर जारी किया गया था. इस व्यक्ति का भी नाम -पता गलत निकला था. फार्म में मिश्री लाल की उम्र 24 साल की बतायी गयी थी, वही पहचान पत्र में सत्तर साल की थी.
छुट्टी पर अनुसंधानक
संचालक के स्वस्थ होने पर उनका बयान लिया जायेगा. वही ब्रrापुरा थानाध्यक्ष सह अनुसंधानक अभिषेक रंजन के लंबी छुट्टी पर चले जाने से भी मामला अटक गया है. बताया जाता है कि दस दिन बाद वे लौटेंगे.
सबूत के लिए लिखवाता था पत्र
अपहर्ता सत्य नारायण प्रसाद से उनके जिंदा होने का प्रमाण देने के लिए पत्र लिखवाते थे. फोन पर ही पांच करोड़ फिरौती की मांग की गयी थी. लगातार फोन पर अलग-अलग तरीके से दबाव बनाया जा रहा था. बीच-बीच में उनकी लिखावट में पत्र भेज कर परिजनों को उनके जीवित होने का प्रमाण दिया गया था. हालांकि पत्र में फिरौती की रकम की किस प्रकार व्यवस्था हो, इस बात की भी चर्चा है.
गिरोह के 14 के नाम आये
सत्य नारायण अपहरण में पुलिस जांच में पवन भगत गिरोह के 14 सदस्यों के नाम अब तक सामने आये है. टिंकु, सन्नी, संतोष, सुनील, लक्ष्मी, बबलू, रंधीर, प्रेम, चंदन भगत, शशि, मिथिलेश महतो, ब्रजमोहन सहनी, अरविंद राय व दिनेश महतो के नाम शामिल है.

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