मुजफ्फरपुर: स्नातक पार्ट थर्ड की परीक्षा में वाणिज्य के पांचवें पेपर के प्रश्न पत्र लीक होने के पीछे विवि कर्मचारियों की लापरवाही भी है. 26 दिसंबर को होने वाली परीक्षाओं के लिए एक दिन पूर्व 25 दिसंबर को ही प्रश्न पत्र केंद्रों पर भेज दिया गया था. इसके लिए विवि के कर्मचारियों को ही ‘मैसेंजर’ बनाया गया.
उन्हें प्रश्न पत्र केंद्राधीक्षक या संबंधित कॉलेजों के परीक्षा नियंत्रक को उपलब्ध करानी थी. लेकिन कुछ केंद्रों पर कर्मचारियों ने कॉलेज के कर्मचारी को ही उपलब्ध करा दी. इसके एवज में उक्त कर्मचारी से रिसीविंग भी नहीं ली गयी.
सूत्रों के अनुसार, खुद कर्मचारियों ने मामले की जांच कर रही कमेटी के समक्ष यह बात स्वीकार की है. कमेटी ने सोमवार को विवि गेस्ट हाउस में परीक्षा विभाग के गोपनीय शाखाव मैसेंजर्स से करीब ढाई घंटे तक पूछताछ की. उन सभी के बयान रिकॉर्ड भी किये गये हैं. परीक्षा नियंत्रक डॉ पंकज कुमार का भी बयान दर्ज किया गया. सूत्रों के अनुसार, उन्होंने अपने बयान में एक महिला कॉलेज के कर्मचारी पर अंगुली उठायी है. उनके अनुसार, उक्त कर्मी ने 25 दिसंबर की रात्रि साढ़े दस बजे एक महिला कॉलेज के कर्मी द्वारा गोपनीय शाखा के एक कर्मचारी के मोबाइल पर फोन कर सुबह छह बजे ही प्रश्न पत्र पहुंचाने की बात कही थी. गोपनीय शाखा के संबंधित कर्मचारी ने भी कमेटी के समक्ष यह बात स्वीकार की है. हालांकि कमेटी के सदस्य इस मामले में फिलहाल कुछ भी कहने से परहेज कर रहे हैं.
आरबीबीएम के प्राचार्य व कर्मचारी से पूछताछ आज
जांच कमेटी प्रश्न पत्र लीक मामले में परीक्षा नियंत्रक व परीक्षा विभाग के कर्मियों के बाद अब आरबीबीएम कॉलेज की प्राचार्या डॉ शकुंतला कुमारी से भी पूछताछ का फैसला लिया है. उन्हें मंगलवार को कॉलेज के परीक्षा विभाग के तमाम कर्मचारियों के साथ कमेटी के समक्ष उपस्थिति होने के लिए पत्र भी लिखा गया है. उन्हें अपने साथ 26 दिसंबर को परीक्षा से संबंधित तमाम सूचनाएं व मूल साक्ष्य लेकर आने का निर्देश दिया गया है. गौरतलब है कि प्राचार्या ने एक दिन पूर्व कुलपति व कुलसचिव को आवेदन सौंप कर कॉलेज से प्रश्न पत्र लीक होने की किसी भी आशंका से इनकार किया था.